AAP ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या क्या दिखाया वो आप वीडियो में देखें ।
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https://youtu.be/cHmaCeRMpg0
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आज आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उपराज्यपाल की जवाबदेही तय होने की मांग की । सौरभ भारद्वाज ने दिखाया कि
एलजी आफिस में लिए एक प्रेजेंटेशन बनाई है कि पिछले एक साल में उन्होंने क्या क्या किया है।
सुपर गवर्नमेंट अचीवमेंट 2016 नाम से प्रेजेंटेशन बनाई है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जैसे कि news channel या प्रिंट मीडिया में एडिटर की जवाबदेही वैसे यहां एलजी जो भी करें उसकी कोई जवाबदेही नही है।
एलजी आफिस की भी जवाबदेही तय करने के लिए ये प्रेजेंटेशन है। लैंड, पब्लिक आर्डर और पुलिस ये काम एलजी के हैं और अब सरकार से सर्विस भी छीन ली गई है।
दिल्ली पुलिस- ncrb के डेटा के मुताबिक हम पहले नंबर पर हैं, क्राइम अगेंस्ट वीमेन में कुल देश के 33% दिल्ली के हैं लगभग मुम्बई से हम तीन गुणा है।
कुल 1996 दिल्ली में रेप हुए हैं, किडनेपिंग, dowry डेथ। यहां तक कि आश्रम में महिलाओं को गलत काम के लिए इस्तेमाल किया गया।
पुलिस बोलती है कि हमारे पास फ़ोर्स नही है।
लैंड के मामले में भी एलजी आफिस ने कुछ खास नही किया है।
मोहल्ला क्लिनिक के लिए एक इंच भी जगह नही दी।
अनाधिकृत कॉलोनियों के लिए डीडीए पूरी तरह से जिम्मेदार है। डीडीए की ये सबसे बड़ी नाकामी है। डीडीए के चैयरमेन एलजी हैं।
डीडीए के मकानों के लिए 12000 फ्लैट्स के लिए 5000 आवेदन आये। 3500 मकान वापस किये गए।
दिल्ली की 33% आबादी अनाधिकृत कॉलनियो में डीडीए के कारण है क्योंकि मकान नही बने।
किसी भी आईएएस अफसर के खिलाफ असेंबली कमिटी की सिफारिश पर भी कार्रवाई नही की गई। मुख्य सचिव के खिलाफ भी कार्रवाई नही हुई, न ही भर्ती की गई 37000 vacant पोस्ट के लिए। अस्पतालों के लिए स्टाफ की भर्ती डॉक्टर की भर्ती एलजी नही कर रहे हैं। अस्पतालों में हालत खराब है। टीचर्स की वेकैंसी के लिए कहा गया 17000 लोग धरना कर रहे हैं, एजुकेशन सिस्टम collapse होने की कगार पर हैं। अधिकारियों को छुट्टी मंत्री की बिना मंजूरी दी गई।
ये सारा कॉन्ट्रिब्यूशन है एलजी का। जहां फ़ोटो खींच जाए वहां एलजी जाते हैं, पॉल्युशन कंट्रोल के लिए प्रेस को बुलाकर फ़ोटो खिंचवा ली, गार्बेज के लिए फ़ोटो खिंचवा ली।
AAP ने कहा कि हम चाहते हैं कि एलजी की जवाबदेही फिक्स की जानी चाहिए।
राज्यसभा सीट मामले पर सवाल पूछने पर कहा गया कि चर्चाएं चल रही है पार्टी के अंदर और बाहर। इसका फैसला PAC में लिया जाएगा।
ये फैसला पार्टी के लिए कठिन जरूर है।