हजारों पेड़ों को कटने से बचा रही है यह मुहिम
AA News
Anil Kumar Attri
Mukhmelpur, Delhi 110036
होलिका दहन में पेड़ों की लकड़ी का प्रयोग ना हो इसके लिए गाय के गोबर से तैयार लकड़ी दिल्ली NCR में आई। एक मशीन के द्वारा गाय के गोबर से लकड़ी को तैयार किया जाता है । साथ ही गाय के गोबर से बनने वाली छोटे छोटे गोल उपलों की माला भी बाजार में आई जिसे बुरकले, चांद सितारे आदि भी कहते है ।
दिल्ली के मुखमेलपुर गांव में बना प्लांट आप देख रहे हैं। इस प्लांट में गोबर से लकड़ी तैयार की जाती है और उन लकड़ियों को श्मशान घाट आदि जगहों पर भेजने का काम पहले से होता आया है। साथ ही यहां पर गाय के गोबर से हवन के लिए लकड़ियां, पौधे उगाने के लिए गमले आदि भी तैयार किए जाते हैं।
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अब यहां पर होली के लिए बड़ी मात्रा में लकड़िया तैयार की गई है ताकि पेड़ों की लकड़ियां होलिका दहन में ना जलाई जाए क्योंकि पेड़ पहले ही कम हो गए हैं। बड़ी संख्या में पेड़ों की टहनियां व तने आदि होलिका दहन के लिए काट दिए जाते हैं जो पर्यावरण के लिए बेहद ही नुकसान देह है। ये गोबर से बनी लकड़ियां उसका एक अच्छा विकल्प है। इससे गायों की कदर भी बढ़ेगी साथ ही पेड़ों का नुकसान भी नहीं होगा और हमारी मान्यता और संस्कृति का भी पालन होगा।
दिल्ली नोएडा गुड़गांव की कई सोसाइटी ने होलिका दहन के लिए यहां विकास भारतीय नाम के इस शख्स को गाय के गोबर से तैयार लकड़ियों के लिए आर्डर दिए हैं और अपनी सोसाइटी में वे पेड़ों की लकड़ी नहीं गाय के गोबर से तैयार लकड़ी से होलिका दहन करेंगे ।
साथ ही जो होलिका दहन के लिए बुरकले, चांद सितारे आदि जिसे राज्य अनुसार अलग-अलग नाम से जाना जाता है वे भी तैयार किए गए हैं।
होलिका दहन में पेड़ों की लकड़ी की जगह गाय के गोबर से तैयार लकड़ियां होगी प्रयोग | wood from cow dung
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इनका कहना है कि जितने ज्यादा लोग जागरूक होंगे और गाय के गोबर से तैयार लकड़ियों का प्रयोग करेंगे उतने ही पेड़ कम कटेंगे और हमारे पर्यावरण के लिए बहुत बेहतरीन होगा।
विकास भारतीय रोहिणी के एक मॉल में भी गाय की लकड़ियों की प्रदर्शनी 3 दिन के लिए लगाने जा रहे हैं ताकि वे लोग इस तरह की लकड़ियां खरीद सके उनके ऑर्डर दे सके।