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दिल्ली के शालीमार बाग मेट्रो स्टेशन के पूर्व में बनाए गए मेट्रो गेट और लिफ्ट के आसपास की जमीन नीचे धसना शुरू हो चुकी है। इस मेट्रो स्टेशन की यह पहली ही मानसून है कि मेट्रो स्टेशन के आसपास की जमीन में दरारें आ गई। दरारें इतनी बड़ी है कि यहां लोगों में डर पैदा हो गया है कि जिस वक्त तेज बारिश होती है नीचे अंडरग्राउंड मेट्रो में भी पानी पहुंच जाता है मेट्रो स्टेशन के 3 बड़े बड़े गेट यहां इस तरह बनाए गए हैं। तीनों गेट के आसपास कई कई इंच चौड़ी दरारें आ गई है।
जब बारिश होती है तो इन दरारों से पानी भी अंदर जाता है। मेट्रो अंदर ग्राउंड होने के कारण निर्माण के दौरान इस पूरे एरिया की खुदाई की गई थी। अब आसपास की दीवारों में भी दरारें आ गई है किसी भी वक्त यहां बड़ा हादसा हो सकता है।
इसको लेकर लोगों में भी काफी दहशत है। दिल्ली-एनसीआर में इस मानसून में जब लोग बिल्डिंग गिरने की बात सुनते हैं तो इस मेट्रो स्टेशन से गुजरते हुए लोगों के दिमाग में बिल्डिंग गिरने के बाते आ जाती हैं और उन्हें इस बात का डर है कि किसी भी वक्त यह मेट्रो स्टेशन भी जमीन में धंस सकता है। आप देख सकते हैं कितनी बड़ी-बड़ी दरारें आई हुई है। लोगों के आने जाने के लिए वजीरपुर मार्केट के पास में बड़ी लिफ्ट बनाई गई थी। लिफ्ट का गेट बंद कर दिया गया है और लिफ्ट को नोटिस चिपकाया गया है कि तकनीकी खराबी के कारण इस लिफ्ट को बंद कर दिया गया है। लिफ्ट के आसपास काफी जमीन नीचे धंस गई है जो ग्रील लगाई थी जमीन धंसने से वे भी उखड़ गई है ऐसे में भला लिफ्ट भी कैसे चल पाती। लोगों का कहना है कि मानसून की पहली बारिश में यह जमीन धसना शुरु हो गई थी। इस लिफ्ट को भी बंद कर दिया गया है ।
दिल्ली में पीडब्ल्यूडी और नगर निगम के कामों को लेकर अक्सर सवाल खड़े होते थे लेकिन अब यहां पर दिल्ली मेट्रो के कामों पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। मानसून के मौसम में जमीन नीचे धंस रही है। अंडरग्राउंड बनाई गई मेट्रो को सवारियों की सेफ्टी को देखते हुए बंद नहीं किया गया है। फिलहाल यहां अभी तक बड़ा खतरा बना हुआ है और किसी भी वक्त हादसा भी हो सकता है। जरूरत है दिल्ली मेट्रो हमारी इस खबर का संज्ञान लेते हुए हादसे से पहले सावधानी बरतें।
वीडियो मेट्रो स्टेशन
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