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नई दिल्ली
रिपोर्ट : नसीम अहमद व विकास खान
देश की राजधानी दिल्ली की कालोनियों में एक बड़ा वोट बैंक रहता है। इन कालोनियों से बड़े बड़े वायदे करके नेता चुनाव जीतते हैं। हर बार कालोनियों को नियमित करने और सभी सुविधाएं मुहैया करवाने के वायदे करके सरकारें सत्ता में आती है लेकिन सत्ता में आने के बाद कॉलोनियों का क्या हाल होता है वह देखकर आप चौक जाएंगे।
यह है भलस्वा डेरी जो उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आता है । भलस्वा डेरी कॉलोनी में श्रद्धानंद कॉलोनी की तरफ से आने वाले रोड पर गुर्जर चौक के पास काफी ज्यादा गंदा पानी लबालब भरा है। पानी तालाब की तरह भरा है गंदे नालों से ओवर फलो है और जब कोई गाड़ी आती है तो यह पानी लहरें मारते हुए दुकानों तक के अंदर घुस जाता है। यहां के दुकानदारों का रोजगार लगभग खत्म होने के कगार पर आ गया है क्योंकि गंदे पानी के अंदर से ग्राहक कैसे आए साथ ही आने जाने में लोगों को काफी दिक्कते हो रही है। स्कूली बच्चे मजबूरन इस गंदे पानी के अंदर से गुजर कर स्कूल जाने को मजबूर है।
इस वीडियो में देखें दिल्ली के हालात।
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यदि इस गंदे और केमिकल युक्त पानी में पांव पहुंचे तो सैकड़ों तरह के रोग हो सकते हैं लेकिन लोगों के पास दूसरा उपाय भी नहीं मजबूरन इसी पानी से गुजरना पड़ता है।
स्थानीय लोग यहां दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के सभी जनप्रतिनिधियों से नाराज है इन्हें किसी एक पार्टी से शिकायत नहीं बल्कि सभी पार्टियों से शिकायत है क्योंकि कोई पार्टी निगम में है तो कोई पार्टी दिल्ली सरकार में है तो कोई तीसरी पार्टी ही पहले सत्ता में थी, तब भी हालात ऐसे ही थे। इन सबसे नाराज होकर ये लोग सभी पार्टियों से गुहार लगा रहे हैं कि आखिरकार उनकी भी सुध ली जाए खास बात यह है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के उप महापौर इसी वार्ड से हैं इन लोगों को आशा थी कि अब की बार इनके वार्ड को निगम में एक बड़ा पद मिला है जिसके बाद इनके दिन सुधर जाएंगे और नालिया गलियां सब चमाचम करेगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब गलियां चमाचम तो कर रही है लेकिन वह पानी के अंदर चमाचम कर रही है लोगों का कहना है कि यहां नालियों की सफाई नहीं की गई। लोगों का आरोप है कि यहां नालों की सफाई नहीं की गई तो नालों में गंद जमा होने के कारण यह पानी ओवरफ्लो होता है और सड़क पर आ जाता है।
इस कॉलोनी में कुछ गलियां बनी जरूर जिन्हें ऊंचा भी उठाया गया लेकिन कुछ गलियां बन गई जिनका पानी भी नीचे की गलियों में आ गया और नीचे की गलियों में रहने वालों के लिए एक बड़ी समस्या पैदा हो गई। जरूरत थी की पूरी गलियों का निर्माण एक प्लान के तहत किया जाता तो दूसरी गलियों में भी समस्या नही होती ।
फिलहाल समस्या का समाधान नहीं हो पाया है और लोग परेशान है।