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DELHI
REPORT – NASEEM AHMED
दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में प्रवेश करते वक्त जो आईडी प्रूफ देखे जाते थे उनमें डीजी लॉकर में अपलोड आईडी प्रूफ को नहीं माना जा रहा था।
दरअसल रोहिणी कोर्ट में अंदर हथियार पहुंचने पर कई वारदात हो चुकी थी उसके बाद रोहिणी कोर्ट में प्रवेश करने वालों के लिए आईडी प्रूफ अनिवार्य कर दिया गया था और एक तलाशी के बाद ही कोर्ट में एंट्री दी जाने लगी थी।
इस आईडी प्रूफ में डीजी लॉकर में अपलोड आईडी प्रूफ को नहीं माना जा रहा था तो सामाजिक कार्यकर्ता हरपाल राणा ने इसके लिए बात की तो उन्हें बताया गया कि जब तक जिला न्यायाधीश इसकी अनुमति नहीं देंगे जब तक वो डिजिलॉकर को नहीं मानेंगे ।
पिछले 3 साल से हर पाल राणा डीजी लॉकर में मौजूद ID प्रूफ को मान्य करवाने के लिए रोहिणी कोर्ट के से संघर्षरत थे और लगातार पत्राचार भी कर रहे थे लेकिन अब जाकर उन्हें पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें कहा गया है कि अब रोहिणी कोर्ट में डीजी लॉकर में अपलोड आईडी प्रूफ भी मान्य होगा।
हरपाल राणा ने कहा था कि जब यातायात पुलिस डीजी लॉकर के डाक्यूमेंट्स को मानती है, एयरपोर्ट पर डीजी लॉकर का आईडी प्रूफ चलता है, डीजी लॉकर भारत सरकार द्वारा बनाया गया और जो दस्तावेज अपलोड किए गए हैं वह भारत सरकार द्वारा अनुमति के बाद अपलोड किए जाते हैं उसे भी नहीं मानना लोगों को परेशान करना था।
आखिरकार अब रोहिणी कोर्ट ने इसको मान लिया है और अब रोहिणी कोर्ट में प्रवेश करते वक्त डीजी लॉकर में मौजूद आईडी प्रूफ भी मान्य होगा।