पूर्वी दिल्ली में डम्पिंग साईट पर हुए हादसे के बाद वहां गैर कानूनी रूप से कूड़े के पहाड़ पर लगातार कूड़ा डालने पर सवाल उठे तो आज पूर्वी नगर निगम के पचास से ज्यादा ट्रक कूड़ा और मरे हुए मवेशियों के अवशेष लेकर बाहरी दिल्ली के रानी खेडा आ गये .. ग्रामीणों ने यहा कूड़ा डालने का जबरदस्त विरोध किया स्थानीय लोगो ने टेंट लगाकर धरना शुरू किया .. दिल्ली के उत्तर-पश्चिम दिशा में होने के अकारण पूरी दिल्ली में आयेगा इस जगह से पोल्यूशन … इस मौके पर ग्रामीणों की मदद के लिए जन आवाज विकाश मंच सबसे पहले पहुंचा और SN उन्नियाल इस मुद्दे पर अपनी टीम के साथ में लोगो का साथ देना शुरू किया . ये टीम इस गाँव में जन चर्चा के लिए पहुंची थी जो पहले से निर्धारित थी पर यहा जब डम्पिंग साईट बनने लगी तो पूरी संस्था लोगो के साथ खड़ी हो गई ..
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जैसे ही पूर्वी दिल्ली नगर निगम पर कूड़े के ढलाव को एल्क्र सवाल उठे तो अब निगम के लिए नई जगह तलाशना बड़ी चुनौती बन गया है .. क्योकि जहा भी डम्पिंग साईट बनेगी वो जगह नर्क से कम नही होगी … वक्त रहते नगर निगम ने कूड़े के निस्तारण और रिसाइकिलिंग की कोई व्यवस्था नही की .. बवाना में एक छोड़ा सा प्लांट जरुर बनाया गया जिसमे कूड़े से बिजली बनेगी पर दिल्ली में निकलने वाले कूड़े के सामने वो बिलकुल छोटा है … अब गाजीपुर , भलस्वा जैसे डंपिंग साईट पर कूड़े के पहाड़ बन चुके है .. इनसे मीथेन गैस निकलती है और धमाके भी होते है .. अब जैसे ही गाजीपुर कूड़े के ढेर ने लोगो की जान तक ले ली तब जाकर निगम जागा है और उस साईट की बजाय आज दिल्ली के पूर्वी एरिया से चलकर नगर निगम के ट्रक पश्चिमी सिरे पर मुंडका विधानसभा के रानी खेडा गाँव में पहुंचे .. गाँव में कूड़े के करीब पचास ट्रक पहुंचे और गाँव के लोगो ने विरोध किया और उन ट्रको को खाली नही करने दिया गया ..ग्रामीणों ने AA News को बताया की ग्रामीणों के पहुचने से पहले दो ट्रक खाली हो चुके थे .. ग्रामीणों ने यहा टेंट लगाकर धरना दे दिया है और कहना है की यहा खेती होती है हरी भरी हरियाली यहा कूड़े से नरक बन जायेगी वे सब LG साहब से अरदास कर रहे है कि उनकी जिदगी नर्क न बनाये .. आम आदमी पार्टी के स्थानीय विधायक भी लोगो के साथ धरने में शामिल है और LG साहब से गुहार लगाने की बात कह रहे हैं …
ग्रामीणों ने AA News को बताया कि ये जमीन सरकार ने अधिग्रहण की है जो रानी खेडा गाँव की है … ग्रामीणों का कहना है जमीन दिल्ली सरकार को दी गई थी ..इसके बाद वो DSIIDC से होते DDA तक पहुची .. इस कारण अभी ये साफ़ नही जमीन किस विभाग के पास है पर जमीन है सरकारी विभाग के पास .. ग्रामीणों का कहना है कि उनकी अधिग्रहण की जमीन दस साल से ज्यादा हो गया कोई विकाश कार्य इसपर नही हुआ बल्कि अब यहाँ मलबा और कूड़े को डालने का प्लान ही बना डाला .. फिलहाल आसपास के कई गाँवों ने विरोध शुरू कर दिया है
अनिल अत्तरी दिल्ली