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नई दिल्ली, 24 दिसंबर
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा महाराष्ट्र में अल्पसंख्यकों की नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ करने व उसका पीछा करने वाले डी.आई.जी निशीकांत मोरे को तुरंत बर्खास्त करने व गिरफ्तार किये जाने की मांग की है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में श्री सिरसा ने कहा कि महाराष्ट्र में अल्पसंख्यक सिख मुश्किलांे का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा केस की राष्टीªय अखबारों में भी बड़ी-बड़ी खबरें छपी हैं, जिसमें बताया गया है कि डिप्टी इंस्पैक्टर जनरल (मोटर ट्रांसपोर्ट, पूने) निशिकांत मोरे इस साल 5 जून को एक नाबालिग लड़की की जन्मदिन पार्टी मंे शामिल हुए थे जहां उन्होंने लड़की से छेड़छाड़ की पर हैरानी वाली बात है कि 6 महीने बीतने के बाद भी इस मामले में डी.आई.जी मोरे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

Manjinder Singh Sirsa (president DSGMC)
उन्होंने कहा कि इस परिवार को फिर से परेशान किया जा रहा है क्योंकि श्री मोरे लड़की का पीछा कर रहे हैं और सारे परिवार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। 21 दिसंबर को जब यह नाबालिग लड़की अपनी मां के साथ खरगड़ में शिल्प चैंक के पास अपने टयूशन क्लास के पास शापिंग करने के लिए गई थी तो वहां उसने डी.आई.जी मोरे को उसका पीछा करते हुए देखा। उन्होंने बताया कि लड़की घबरा कर एक पब्लिक टायलेट में छुप गई और उसने 100 नंबर पर फोन कर पुलिस से मदद मांगी।
श्री सिरसा ने बताया कि इस तरह की दहशत अल्पसंख्यक भाईचारे की नाबालिग लड़की के साथ होना अपने आप में इस अफसर के अनैतिक रवईये के कारण उसे हुई मानसिक परेशानी को बयान करती है। उन्होंने कहा कि लड़की के पिता ने खरगड़ पुलिस थाना नवीं मुम्बई में शिकायत दर्ज करवाई है पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जब सारा भारत अपनी बेटियों को बलात्कार व छेड़छाड़ से बचाने के लिए एकजुट है तो ऐसे में पुलिस अधिकारियों द्वारा इस तरह की हरकतें करना बहुत ही निंदनीय है। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में कार्रवाई ना हुई तो इससे पुलिस का बचाव करने वाले अक्स को भी अघात लगेगा।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस अफसर के खिलाफ तुंरत कार्रवाइ्र्र कर साबित करंे कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व मान सम्मान के प्रति वचनबद्ध हैं और इसके लिए वह तुरंत डी.आई.जी मोरे को बर्खास्त करें और तुरंत गिरफ्तार किया जाये। उन्होंने कहा कि ऐसा कर महाराष्ट्र सरकार लड़कियों व महिलाओं की सुरक्षा के लिए उदाहरण पेश कर सकती है।