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Rohini , New Delhi
जब दिल्ली नगर निगम पैसे नहीं होने का होने की बात कहकर बुजुर्गों , विधवा , दिव्यांग आदि को पेंशन नहीं दे पा रहा था और इस तरह का लाभ लेने वाले जरूरतमंद लोग एक एक साल तक पेंशन ना मिलने से बेहद परेशान थे। मामला कोर्ट तक पहुंचा आखिरकार कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया था कि अब दिल्ली सरकार ही पेंशन इन जरूरतमंद लोगों को देगी , जिस पर दिल्ली सरकार भी सहमत थी। इसके बाद कितने महीने बीत गए लेकिन अब ये बुजुर्ग लोग साथ में विधवा और दिव्यांग जिन्हें पेंशन की जरूरत थी बेहद परेशान थे क्योंकि नगर निगम से उनकी पेंशन बंद हो गई और दिल्ली सरकार में आवेदन नहीं लिए जा रहे थे । इस बाबत आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा ने आरटीआई भी लगाई और आरटीआई के जवाब में दिल्ली का बाल कल्याण विभाग यही कहता रहा कि वह इस तरह के फार्म जमा करवा सकते हैं लेकिन जब बुजुर्ग , विधवा आदि जरूरतमंद लोग फार्म जमा करवाने के लिए पहुंचते तो फार्म जमा नहीं करवाए जा रहे थे। काफी बुजुर्ग तो ऐसे थे जो 6 महीने तक इस तरह का संघर्ष करते हुए इस दुनिया से ही चले गए लेकिन उनकी पेंशन शुरू नहीं हो सकी। आखिरकार इस मुद्दे पर आरटीआई एक्टिविस्ट और इस तरह के बुजुर्गों के और जरूरतमंदों के मुद्दे उठाने वाले हरपाल राणा खुद काफी जरूरतमंद लोगों को लेकर दिल्ली के रोहिणी स्थित बाल कल्याण विभाग के कार्यालय पर पहुंचे और धरना दिया तब जाकर अधिकारियों ने यह फार्म लेने शुरू किए।
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अब यह देखने वाली बात होगी कि अधिकारी फार्म लेकर रख लेंगे या इन पर कोई जल्दी से कार्यवाही करते हुए इन जरूरतमंदों को पेंशन शुरू करेंगे।
रोहिणी स्थित समाज कल्याण विभाग के दफ्तर में अब पेंशन के आवेदन फार्म जमा होने लगे हैं। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने यह कार्रवाई तब शुरू की, जब यह लोगों ने धरना और उपवास प्रारंभ कर दिया।
नगर निगम से पेंशन बंद होने के बाद दिल्ली सरकार से पेंशन पाने के लिए अपने आवेदन फार्म को जमा कराने के लिए लोग पिछले एक साल से दर दर भटक रहे थे।
लेकिन उनके आवेदन फार्म विभाग के कर्मी जमा नहीं कर रहे थे। उनका कहना था कि पहले नगर निगम के पेंशन पाने वालों की सूची से अपना नाम कटवा कर सुबूत लेकर आए। इसके बाद ही फार्म जमा किए जाएंगे। जिसके चलते बुराड़ी, कादीपुर, नत्थूपुरा, इब्राहिमपुर, स्वरूप नगर समेत विभिन्न गांवों व कालोनियों के बुजुर्गों, विधवाओं, दिव्यांगों को पेंशन योजना के लाभ से वंचित होना पड़ रहा था।
इस समस्या को लेकर दिल्ली विकास समिति के अध्यक्ष हरपाल सिंह राणा लगातार मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल से लेकर दिल्ली सरकार के जन शिकायत निवारण प्रकोष्ठ में शिकायतें दर्ज करा रहे थे। उन्होंने बताया कि उनकी शिकायतों पर समाज कल्याण विभाग के मुख्यालय से उन्हें जवाब देकर बताया गया था कि नगर निगम से पूर्व में पेंशन पाने वाले लोग सुबूत के तौर बैंक खाते, निगम पार्षदकी डायरी आदि पेश कर आवेदन फार्म कार्यालय में जमा करा सकते हैं। लेकिन उत्तर पश्चिम जिले के समाज कल्याण विभाग के रोहिणी स्थित दफ्तर में आवेदन फार्म जमा नहीं किए जा रहे थे। संबंधित ऊपर के अधिकारियों के दिशा निर्देशों को मानने के लिए भी तैयार नहीं थे।
ऐसे में उनके सामने रोहिणी स्थित कार्यालय के सामने धरना व उपवास कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सिवा कोई विकल्प नहीं बचा था। इस बाबत उन्होंने जरूरतमंद लोगों के साथ धरना दिया तो कुछ ही घंटों के अंदर लोगों के आवेदन फार्म जमा करना शुरू कर दिया गया। उन्होंने नियम जनता की सुविधा के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन नियमों की आड़ में जनता को परेशान करना अधिकारियों की आदत बन गई है।