बाहरी दिल्ली नरेला में लामपुर रोड पर बना अंडर पास लोगों के लिए मौत का कुआं बनता जा रहा है इसमें उत्तर रेलवे ने उप नगर नरेला में अपनी आवश्यकताओ के समान की खरीदारी करने, अपने निजी कार्य करने आने से बांकनेर,स्वतंत्र नगर, लामपुर व एन सी आर के दो दर्जन गांव के साथ साथ लगभग दर्जन भर कालोनी के पैदल चल कर आने वालों को कंक्रीट की मोटी एवं मजबूत दीवार करके रोक दिया है लोग पैदल अंडरपास का प्रयोग इस लिए नहीं कर पा रहे क्योंकि इसमें कोई फुटपाथ नहीं बनाया गया है
इसका निर्माण परियोजना के अनुसार नहीं किया गया है इसमें पैदल रेलवे लाइन पार करने के लिए एक तरफ सीढ़ियां और दूसरी तरफ एलिवेटर बनाने का प्रयोजन प्रस्तावित है और दिल्ली का मंडलीय खेलों से पूर्व बनने वाला सबसे महंगा अंडरपास है लेकिन उतरी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों की निष्क्रियता और स्वार्थ सिद्धि प्रवृति होने के कारण मंडलीय खेलों के सात वर्ष बाद भी अधूरा है सतर्कता विभाग उतरी दिल्ली नगर निगम शिकायते मिलने के बाद भी कार्यवाही करने की बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठा है।इसमें कोई भी कार्य परियोजना अनुसार ना करके करोड़ों रुपए का घोटाला होने का अंदेशा है इसमें लगी जाली हो या लाइट की व्यवस्था हो पिछले काफी समय से टूटी पड़ी है और किनारों पर भारी भरकम स्पीड ब्रेकर लोगों की जान लेने वह हड्डियां तोड़ने के लिए दावत दे रहे है इस बारे दिल्ली उच्चतम न्यायालय में भी पूरे भारत में बिना मानक आधार के सभी स्पीड ब्रेकरों को हटाने के आदेश दे दिए हैं लेकिन उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नरेला क्षेत्र के अधिकारियों पर शायद यह नियम लागू नहीं होते क्योंकि शिकायत भेजने के बाद भी ना तो उन स्पीड ब्रेकर को हटाया गया है और ना ही उन पर अलग से कंक्रीट डाल कर लंबा बनाया गया है जबकि पूरी दिल्ली में जो स्पीड ब्रेकर मानक आधार पर नहीं थे उन्हें या तो हटा दिया गया है या फिर उन स्पीड ब्रेकर की सतह को दूर से लाकर ऊंचा किया गया है इस अंडरपास को राजनैतिक वाही वाही लूटने के लिए आनन फानन में शुरू कर दिया गया, जिसे परियोजना के अनुसार नहीं बनाया गया, अधिकारियों द्वारा अपनी मनमर्जी से इसमें फेर बदल कर दिए गए जो यहां के लोगों के लिए सुविधाओं की बजाय मौत का कुआं बनता जा रहा है, इसमें बहुत सारी अनियमितताएं हैंजो लोगों के लिए मौत की दावत दे रही है वैसे ही दिल्ली नगर निगम, लापरवाही में सबसे आगे है लेकिन उत्तरी दिल्ली नगर निगम का नरेला क्षेत्र शायद पूरे भारत में लापरवाही पर नंबर 1 हो, क्योंकि इनको शिकायत करने के बावजूद भी यह कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाते