बाल मन ना जाने क्या है
अमीरी और क्या ग़रीबी,
प्यार का भूखा हर बच्चा,
चाहे वो हो अनजान हो ,
या हो क़रीबी।
थोड़ी सी देखभाल और प्यार,
ला देती चमक आँखों में उनकी।
कितना प्यारा था यह अनुभव,
जो हमने किया कल बस्ती में उनकी।
खिलखिलाते चेहरों को देख ,
मिला सुकून हमें है कितना।
कुछ नहीं चाहिए उन्हें बस ,
भर दो प्यार उनके दामन में भर सको जितना ।।
AA News
New Delhi
कल सुबह के उगते सूरज की तरह ही हमारे दिन की शुरुआत भी बड़े उत्साह के साथ हुई। बहुत ही महत्वपूर्ण दिन था हमारे लिए क्यूँकि कल LECIN ने Navaagat के साथ मिल कुछ अलग करने की सोची थी “संजय कालोनी “ झोपड बस्ती में । 60 स्वयं सेवकों के साथ हम पूरे जोश के साथ संजय कोलोनी ,ओखला गये और वहाँ की सूनी बेजान दीवारों पर रंग रोगन कर उन्हें जीवंत कर दिया । वहाँ की गलियाँ साफ़ कर उस बस्ती को ख़ूबसूरती प्रदान की । प्रातः 9:30 से आरम्भ कर के निरंतर 5 घंटो तक के अथक परिश्रम के बाद हम उस बस्ती को एक नया रूप देने में सफल हुए।इस पूरे कार्यक्रम का सबसे ख़ूबसूरत हिस्सा था उस झोपड बस्ती के 30 बच्चों का हमें दिया हुआ साहियोग । उनके चेहरों पर दिखती वो भोली भली सी मुस्कान और आँखों में उमंग भरी चमक देख कर और -“ हमें भी करना है रंग आपके साथ – हमें भी करना है रंग” .. और कभी… “ दीदी हम पानी लाएँ आपके लिए , भैया और क्या करना है हमें भी बताइए ना” …नन्हें – नन्हें मुखों से निकले इन उत्साहित शब्दों को सुन कर ऐसा लगा कि जिन भी कठिनाइएओं का सामना हमने इस कार्य को पूरा करने में किया , अगर हम उन बच्चों को ये छोटी सी भी ख़ुशी दे पाए , तो हमारा लक्ष्य फलीभूत हुआ । लक्ष था संजय कालोनी झोपड बस्ती को बेहतर , साफ़-सुथरा एवं रहने लायक स्थान बनाना जो कि हमने सफ़लता पूर्वक प्राप्त किया , हमें आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि LECIN भविष्य में भी इसी प्रकार के बहुत से अन्य कार्यक्रमों के साथ अपनी सेवाएँ समाज को प्रदान करता रहेगा
इसी आशा के साथ LECIN और Navaagat इस पूरी प्रक्रिया में साहियोग प्रदान करने के लिए
Sai Sanskar Foundation , Sohan Lal Commodity एवं Ramanujan College के हार्दिक आभारी है एवं उन्हें अपना अनुदान देने हेतु बधाई एव धन्यवाद देते हैं ।