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New Delhi
Report : Anil Kumar Attri
दिल्ली के गांवों को भी शहर बनाने की प्रक्रिया हुई शुरू। दिल्ली में सभी को मिलेगा आवास। दिल्ली में गांवों के खेतों की जमीन पर बनेंगे बहुमंजिला फ्लैट्स सोसायटी और दूसरी सभी सुविधाएं । ये सब करने जा रही है DDA .
दिल्ली में पिछले 10 साल से ज्यादा वक्त से लैंड पूलिंग पॉलिसी बीच में अटकी हुई थी। 2018 में लैंड पूलिंग पॉलिसी पर तेजी से काम हुआ और कुछ संशोधनों के साथ दिल्ली में लैंड पूलिंग पॉलिसी लागू कर दी गई जिसके तहत जमीन के मालिक अपनी जमीन को किसी बिल्डर के माध्यम से या सीधे खुद डीडीए में अपनी जमीन पूलिंग के लिए डालेंगे।
जब किसी सेक्टर के 70% जमीन मालिक लैंड पूलिंग के लिए अपनी जमीन अप्लाई कर देंगे तो वहां पर डीडीए, पार्क , सड़कें , कम्युनिटी सेंटर , कॉलेज , इंस्टिट्यूशन , मार्केट आदि पब्लिक यूटिलिटी की जगह निर्धारित करके DDA वहां पर सड़क पार्क सीवर आदि का निर्माण करेगा और फिर वहां पर जमीन मालिक को उसकी जमीन के हिस्सेदारी के हिसाब से 60% जमीन वापिस दी जाएगी। जमीन मालिक फिर खुद या किसी बिल्डर के माध्यम से बहु मंजिला बिल्डिंग बनाएंगे और उन टावरों में अपने फ्लैट्स को बेचेंगे। इससे दिल्ली को काफी फायदा होगा।
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दिल्ली में बड़ी संख्या में खेतों में अनियमित ढंग से कॉलोनीयां बसाई जा रही है जहां पर सड़कें चौड़ी नहीं होती नहीं होती, बिजली पानी की व्यवस्था सही नहीं होती और किसी भी सामुदायिक कार्यों के लिए जगह भी कॉलोनी काटने वाले डीलर नहीं छोड़ते । अब इन सबसे निजात मिलेगी क्योकि लैंड पूलिंग पॉलिसी लागू हुई है।
फिलहाल लैंड पूलिंग पॉलिसी में किसानों व जमीन मालिको ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाना शुरू कर दिया है और आशा है 2020 के शुरुआत में कुछ जगहों पर निर्माण तक शुरू हो जाएगा । लैंड पूलिंग पॉलिसी में फिलहाल 70 लाख लोगों के लिए 17 लाख घर बनाने का लक्ष्य रखा है। दिल्ली में भी शंघाई , सिंगापुर, पेरिस जैसे शहरों की तरह चमाचम करते शहर दिखेंगे।
आवेदक फिलहाल दिल्ली के K1 ( के वन ) , एल , एन , P-2 ( पी – टू ) और फिलहाल P1 ( पी वन ) भी शामिल कर लिया गया है इन दोनों के आवेदक वेबसाइट के जरिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं । डीडीए की लैंड पुलिंग के लिए बनाई गई वेबसाइट पर इसकी पूरी जानकारी है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद डीडीए रसीद भी देता है जिससे पता लगे कि कितने आवेदन आ चुके हैं । फिलहाल यह करीब 3 महीने से जारी है और 3 महीने तक और लगातार इसी तरह आवेदन चलेंगे।
डीडीए ने दिल्ली को कई जोन में बांटा है और यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन जोनों के अंदर जो सेक्टर बनाए गए हैं उन सेक्टर से जिस भी सेक्टर में 70% जमीन मालिक ( किसान बिल्डर आदि ) आवेदन करेंगे वहां डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जाएगा।
इस पॉलिसी के तहत जो लैंड पूलिंग की पॉलिसी होगी उसमें ग्रीन बेल्ट के गांव बहु मंजिला बिल्डिंग नहीं बना पाएंगे । ग्रीन बेल्ट में वे गांव आएंगे जिनकी सीमाएं दूसरे राज्यों हरियाणा या यूपी से मिलती है । यदि किसी गांव की जमीन रेवेन्यू रिकॉर्ड में किसी भी दूसरे राज्य से चाहे कुछ गज ही मिलती है तो उस पूरे गांव को लैंड पूलिंग की इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा वह ग्रीन बेल्ट मानी जाएगी। ग्रीन बेल्ट में निर्माण के अलग नियम है जिनमे फार्म हाउस आदि होंगे।
डीडीए में 70% जमीन के मालिकों को सहमत होना जरूरी होगा बाकी के 30% को फिर डीडीए की एक धारा अपने आप अधिग्रहण करेगी जिसका मुआवजा कंसोडियम देगा जो उस सेक्टर के मालिकों की एक संस्था होगी। इसके बाद डीडीए पूरी जमीन का मैप तैयार करेगी और उसमें पूरी प्लानिंग के बाद जमीन के जो ओनर थे जिसकी जितनी हिस्सेदारी थी उसका 60% लौटाया जाएगा। 40% पब्लिक यूटिलिटी के लिए छोड़ दिया जाएगा जिसमें सड़क , पार्क, कम्युनिटी सेंटर , शॉपिंग मॉल, इंस्टिट्यूशन आदि होंगे।
उदाहरण के तौर पर यदि कुछ लोगों का समूह 100 एकड़ जमीन डीडीए को देता है तो डीडीए विकसित कर उन्हें 60 एकड़ जमीन का प्लॉट देगी और बाकी 40 एकड़ पब्लिक यूटिलिटी के लिए छोड़ा जाएगा जिससे लोग अच्छे से दिल्ली में रह सके । उस 60% में फिर निर्माण करने के लिए डीडीए के नियमों का पालन करना होगा। नियमों का पालन करते हुए बिल्डिंग बनानी होगी और उस बिल्डिंग के फ्लैट जमीन के मालिक खुद बेचेंगे उसका जो भी मुनाफा होगा उन किसानों या जमीन मालिको का ही होगा। लोगों को बड़ी संख्या में इस तरह से दिल्ली में फ्लैट आवास मिलने वाले हैं और वो भी सुनियोजित तरीके से ।
अब जिन लोगों को फ्लैट लेने हैं दिल्ली में आवास लेना है वे अवैध तरीके से बसाई गई कालोनियों में घर ना लेकर ऐसी सोसायटीओं में घर लेंगे जिससे लोगों को काफी सुविधा होगी। फिलहाल दिल्ली में लैंड पूलिंग पॉलिसी तेजी से जारी है। खासकर जॉन P 2 (पी टू) के दो सेक्टर में करीब 90% जमीन ऑनर्स ने अपना रजिस्ट्रेशन करवा दिया है और बहुत जल्दी वहां काम शुरू हो जाएगा।
कौन कौन से जोन है ? कौन से गांव में आएंगे ? किन-किन गांव की जमीन दूसरे राज्यों से टच होती है जो ग्रीन बेल्ट में आएंगे जहां पर आप इस तरह से फ्लैट नहीं बना पाएंगे । लैंड पुलिंग की पूरी विस्तृत जानकारी AA News पर दी जाएगी । AA News पर आप देखते रहिए लैंड पुलिंग का पूरा विश्लेषण । करीब एक सप्ताह तक ये विश्लेषण चलेगा। आपसे अनुरोध है आप डबल ए न्यूज़ को यूट्यूब पर सब्सक्राइब करें। AA News के फेसबुक पेज को लाइक करें। AA न्यूज़ की वेबसाइट www.aanews.in पर विजिट करें।