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अनिल अत्तरी।
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दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड में चल रही परियोजना का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल। देश की राजधानी दिल्ली में पीने के पानी की काफी बड़ी किल्लत रहती है। साथ ही बारिश के दौरान और कई बार बिना बारिश के भी गंदे नालों का पानी ओवरफ्लो रहता है। उस गंदे पानी को डालने की जगह तक नहीं मिलती। लोगों के घरों और सड़कों में गंदा पानी लबालब भर जाता है। इन सभी समस्याओं के निदान के लिए दिल्ली सरकार बुराड़ी ग्राउंड में एक बड़ा प्रोजेक्ट लगा रही है जिसकी कीमत 500 करोड़ से ज्यादा है। यह गंदे नालों का पानी ट्रीट किया जाएगा और उसके बाद कई किलोमीटर दूर यमुना में ले जाकर उस पानी को पीने लायक बनाकर यमुना में फिर दोबारा छोड़ा जाएगा। इसके बाद वह पानी फिर यमुना में फिल्टर होगा। इसके बाद वजीराबाद प्लांट में उस पानी को दोबारा फिर ट्रीट किया जाएगा तभी वह पीने के लिए घरों में पहुंचेगा। वैसे इस ट्रीटमेंट प्लांट जो विदेशी तकनीक पर बनाया जा रहा है उसमें जो पानी ट्रीट होता है वह सीधे पीने लायक तैयार होता है। सिंगापुर की टेक्नोलॉजी पर यह ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। इस ट्रीट के बाद गंदे नाले का पानी इंसान सीधे पी सकता है लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि कई बार कोई मशीन खराब हुई तो पानी इतना दूषित होता है कि इंसान बीमार हो सकता है। इसलिए किसी भी तरह का रिस्क न हो । ट्रीट किए हुए पानी को दोबारा यमुना में डाला जाएगा जिससे यमुना का पोलूशन कम होगा गंदे नाले जो यमुना में गिरते हैं उनका भी समाधान हो जाएगा।
आजकल यमुना भी लगातार दूषित हो रही है और यमुना का पानी तक काला हो गया है गंदे नालों से गिरने वाला पानी यमुना का पानी जहरीला बना रहा है । इसके बाद गंदे नालों का पानी सीधा यमुना में न गिरकर इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचेगा और यहां से ट्रीट होकर यह पानी फिर यमुना में डाला जाएगा । जैसे यमुना में पानी की मात्रा बढ़ेगी और दिल्ली को ज्यादा पानी मिलेगा इसी तरह के दूसरे प्लांट भी दिल्ली के दूसरे बड़े नालों पर लगाए जाने की योजना है। 2020 में योजना तैयार हो जाएगी खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज इस योजना का मुआयना करने पहुंचे हैं बुराड़ी ग्राउंड में।
2020 तक दिल्ली में पानी की उपलब्धता 15-20 फीसदी तक सरकार बढ़ाएगी।
सरकार अगले दो साल में दिल्ली में पानी की उपलब्धता 15-20 फीसदी तक बढ़ाने की योजना बना रही है। यही नही अगले 5 सालों में 50 फीसदी तक पानी की उपलब्धता बढ़ जाएगी।
10 जुलाई को मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कोरोनेशन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का इंस्पेक्शन किया। इस प्लांट की क्षमता 70 मिलियन गैलन प्रति दिन है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अगले साल जून तक यह बन कर तैयार हो जाएगा।
दिल्ली की पानी की समस्या पर बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में 900 मिलियन गैलन पानी रोज़ बनता है। करीब दो करोड़ जनसंख्या है। दिल्ली के कई इलाकों में पानी की कमी हो रही है। पिछले तीन-चार महीनों में जल बोर्ड अधिकारियों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री ने एक खाका तैयार किया है।
कोरोनेशन प्लांट से 70 मिलियन गैलन पानी रोज़ निकलेगा। सिंगापुर का मॉडल दिल्ली में अपनाया जाएगा। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी यमुना में भेजा जाएगा। दिल्ली के पल्ला में पाइपलाइन के ज़रिये ले जाया जाएगा ये पानी।
इसी तरह रिठाला एसटीपी से 40 मिलियन गैलन पानी पल्ला पाइपलाइन के ज़रिये भेजा जाएगा। 2020 जून तक रिठाला प्लांट से 80 मिलियन गैलन पानी लेने की योजना है।
पल्ला से पानी वज़ीराबाद प्लांट में भेजा जाएगा । वहां भी पानी को ट्रीट किया जाएगा। वज़ीराबाद प्लांट की क्षमता 125 एमजीडी है। सरकार 125 से 150 एमजीडी पानी बढ़ाएगी । इससे लगभग 15 प्रतिशत पानी की बढ़त होगी।
कोरोनेशन प्लांट 318 MLD सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है बताया गया था कि यह एशिया का सबसे बड़ा और सबसे सस्ता प्लांट है। पावर कंसम्पशन के मामले में यह बहुत सस्टेनेबल प्लांट है।
बायोगैस से प्लांट की 60 फ़ीसदी तक की बिजली आपूर्ति की जाएगी।
इस प्रोजेक्ट की लागत 515 करोड़
दिल्ली सरकार के सीवेज मास्टर प्लान 2031 का यह एक हिस्सा है।
यमुना की सफाई की दिशा में यह प्लांट बहुत कारगर है। अवैध कॉलोनी और जिन कॉलोनी में सीवर नही है वहां से आने वाली गंदगी को यह प्लांट साफ़ करेगा।