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#Wajirabad_North_Delhi
दिल्ली के वजीराबाद स्कूल में हिंदू मुस्लिम बच्चों को अलग करने के मामले में शुरुआती वजह आई सामने कुछ अभिभावक खुद सामने आए और कहा कि उन्होंने अपने बच्चों को अलग बैठाने की प्रिंसिपल से गुजारिश की थी अभिभावकों का कहना है कि धर्म के आधार पर बंटवारा नहीं बल्कि लंच के दौरान मांसाहार और शाकाहारी भोजन करने वाले बच्चों को अलग अलग किया गया था कुछ बच्चे लंच में मांसाहारी भोजन लेकर आते थे तो कुछ शाकाहारी लेकर के आती थी एक साथ भोजन करते हुए शाकाहारी बच्चियों के उल्टियां होना और यहां तक कि कुछ बच्चे मांसाहार देखकर बीमार भी हो गई थी इस कारण बच्चों का आपस में झगड़ा भी होने लगा इस समस्या के समाधान के लिए दोनों तरह के ग्रुप को अलग अलग करने का निर्णय लिया गया था मांसाहार करने वाले बच्चों को अलग किया गया था और शाकाहार करने वाले बच्चों को अलग किया गया था ताकि बच्चों में किसी दौरान दिक्कत ना हो साथिन परिजनों ने आरोप लगाया कि कुछ लोग राजनीति के चक्कर में से हिंदू मुस्लिम का रूप दे रहे हैं लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है यहां वह सब हिंदू और मुस्लिम इकट्ठा रहते हैं और साथ ही रहना होता है किसी प्रकार का कोई झगड़ा या विवाद तक कभी हुआ नहीं
कांग्रेस ने आज यहां प्रोटेस्ट किया तो कुछ लोगों का कहना था कि कांग्रेस यहां अपना राजनीतिक मकसद से लोगों का भाई चारे में दरार पैदा कर रही है। यहां के कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां वह हिंदू मुस्लिम सब इकट्ठे रहते हैं और एक साथ ही खाना खाते हैं किसी से किसी तरह का कोई वाद-विवाद नहीं है साथ ही प्रिंसिपल के मुद्दे पर उनका कहना था कि स्कूल में कुछ बच्चे शाकाहारी तो कुछ बच्चे मांसाहारी भोजन करने वाले थे जब मांसाहारी बच्चे शाकाहारी बच्चे के साथ बेंच पर भोजन करते तो इस बात को लेकर जो में झगड़ा होता था कई बार कुछ बच्चों की जिन्हें मांसाहार से नफरत थी उनको उल्टी भी होती थी और तबीयत भी खराब हो जाती थी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अब बड़ा जो स्कूल में होता उसकी जिम्मेदारी होती है कि वह इस तरह के झगड़े में बच्चों को अलग अलग करें ताकि कुछ समय वह लग रहे और झगड़े को भूल जाए उसके बाद फिर से अपने आप दोबारा इकट्ठे हो जाएंगे । इसी तरह के झगड़े को निपटाने के लिए प्रिंसिपल ने मांसाहारी और शाकाहारी बच्चों को अलग अलग किया था जो स्कूल में मांसाहार लेकर आते थे इसी विवाद को कुछ लोगों ने सेक्शन का मुद्दा बता कर विवाद दिया वह एक पॉलिटिकल स्टंट है
फिलहाल इस मुद्दे पर दो पक्ष बने हुए हैं कुछ लोग प्रिंसिपल के समर्थन में आ गए हैं तो कुछ लोग प्रिंसिपल के इस कार्य का विरोध कर रहे हैं। फिलहाल जरूरत है कि धर्म के आधार पर इस तरह से बच्चों को अलग ने किया जाए और साथ ही इस मामले को भी इतना तूल नहीं दिया जाना चाहिए कि जिन बच्चों को इस चीज की जानकारी नहीं हो उन्हें भी चीज की जानकारी हो जाए।
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