नयी दिल्ली। अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री राम आसरे विश्वकर्मा ने नयी दिल्ली स्थित एम० पी० क्लब, नार्थ एवेन्यू में अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि कुटीर उद्योगों में लगे करोड़ो कारीगर विश्वकर्मा, लोहार, बढ़ई, कुम्हार, नाई कसेरा, ठठेरा, शिल्पकार के रोजगार को सुरक्षित करने के लिए केन्द्र सरकार महासभा केन्द्र सरकार से विश्वकर्मा शिल्पकार विकास आयोग बनाने की मांग करती है श्री विश्वकर्मा ने कहा किकेन्द्र सरकार के कई विभागों में जैसे सैना, पी डब्लु डी, रेलवे, इंजीनिरिंग और तकनीकि विभागों में पुश्तैनी पेशे के आधार पर नौकरी विश्वकर्मा समाज के लोगों के लिए आरक्षित होते थे।
आई.टी.आई की ट्रेनिंग और कोशल विकास मिशन की ट्रेंनिंग ने विश्वकर्मा लोहार, बढ़ई के कारीगरो के पद से आरक्षण समाप्त कर दिया है और यह लोग बेरोजगार हो गये हैं अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा विश्वशिल्पियों को नीतियों और कार्यक्रमो के आधार पर एकजुट करेगी और उनकी महाशक्ति बनायेगी। आजादी के 70 वर्षो के बाद भी विश्वकर्ता समाज की सभी जातियों को एक समान अवसर नहीं दिया गया।अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा केन्द्र सरकार से मांग करती है कि सम्पूर्ण विश्वकर्मा शिल्पकार समुदाय की समाजिक और जातिगत विषमता को दूर करके एक ही श्रेणी अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में नोटीफाई करे ताकि इस समुदाय के बच्चों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सके और यह समुदाय भी आरक्षित श्रेणी से लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़कर, लोकसभा और विधान सभा में भागीदारी प्राप्त कर सके। सम्पूर्ण विश्वकर्मा शिल्पकार समुदाय को एक ही श्रेणी में चिन्हित करने पर जातिवाद जनगणना में इनकी संख्या सम्पूर्ण रूप से प्रदर्शित हो सकेगी और यह आरक्षण का समपूर्ण लाभ प्राप्त कर सकेंगे। अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा केन्द्र सरकार से पिछड़े वर्गों की समस्त जातियों की जनगणना को प्रकाशित करने की मांग करती है ताकि उसमें शिल्पकार विश्वकर्मा समाज अपनी जनसंख्या का आंकलन कर सके और उसे आबादी के अनुसार भागीदारी सुनिश्चित कराया जा सके। 17 सितम्बर को भगवान विश्वकर्मा की पूजा पूरे देश में सभी समुदाय और वर्ग के लोग करते हैं। विश्वकर्मा समाज के लोग विश्वकर्मा पूजा को सम्मान और स्वभिमान दिवस के रूप में मनाते हैं। उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार ने विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करके विश्वकर्मा समाज की पहचान बनाई थी। महासभा भाजपा सरकार द्वारा विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी को निरस्त करके विश्वकर्मा की पहचान को समाप्त करने की साजिश मानती है। अभी हाल में हरियाणा सरकार द्वारा विश्वकर्मा पूजा दिवस को मजदूर दिवस के रूप् में मनाने को महासभा विश्वकर्मा समाज का अपमान मानती है। भगवान विश्वकर्मा रचना और शिल्प के देवता है। उनके वंशज देश के रचनाकार और निर्माता है। उन्हें मजदूर की श्रेणी में रखना उनका अपमान है। अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा केन्द्र सरकार से मांग करती है कि दिनांक 17 सितम्बर 2017 विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करके विश्वकर्मा समाज की सम्मान और पहयान पूरे देश में स्थापित करे।ताकि विश्वकर्मा शिल्पकार कारीगरो के विकास के साथ-साथ रोजगारपरक नीतिया बनाए जा सके और इस समुदाय का विकास किया जा सके। महासभा यह भी मांग करती है कि भगवान विश्वकर्मा के नाम पर विश्वकर्मा पुरस्कार की घोषणा की जाये और विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति को विश्वकर्मा पुरस्कार से सम्मानित किया जाये। देश में विश्वकर्मा इंजनीरिंग और तकनीकी संस्थान की स्थापना की जाये। भगवान विश्वकर्मा के नाम पर सरकार नीतियों का नामकरण किया जाये ताकि विश्वकर्मा की पहचान बन सके। महासभा पूरे देश के सभी संस्थाओ को एक मंच पर लाने और विश्वकर्मा समाज के विशाल रैली करके समाज की एकजुटता प्रदर्शित करेगी। देश के सभी राज्यो में देश की प्रमुख संस्थाओ का मिलाकर एक कामन एजेन्डा पोग्राम बनाया जायेगा और सभी को सम्मलित करते हुए केन्द्र सरकार से विश्वकर्मा शिल्पकार समाज का सम्मान और पहचान बनाने तथा आबादी के अनुसार देश ओैर प्रदेश सरकार में भागीदारी सुनिश्चित करने की मांग करेगी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के मुख्य अतिथि उडीसा के राज्यसभा सांसद ए० वी० स्वामी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्वकर्मा समाज को संगठित कर एक नया पहचान बनाने की जरूरत है ताकि विश्वकर्मा समाज का संगठन मजबूत हो सके तभी विश्वकर्मा समाज का भला होगा। कार्यक्रम में सर्वश्री एस० बासू तमिलनाडु, शंकर प्रताप विश्वकर्मा झारखण्ड, बाबूलाल जांगिड राजस्थान, आत्माराम पांचाल नयी दिल्ली, राजेश विश्वकर्मा उत्तर प्रदेश, माताराम धीमान पंजाब, गंगा राम विश्वकर्मा महाराष्ट्र, एच०एन० विश्वकर्मा असम, डा० प्रमीला विश्वकर्मा झारखण्ड, सरदार मनजीत सिंह उत्तर प्रदेश, सुरेन्द्र कण्डेरा नयी दिल्ली, दिनेश गौड नयी दिल्ली, सी०पी० शर्मा उत्तर प्रदेश, रविन्द्र धीमान उत्तराखंड, फौजी भगवान राम राजस्थान, त्रिवेन्द्र कुमार पांचाल नयी दिल्ली, अच्छेलाल विश्वकर्मा उत्तर प्रदेश, अवतार सिंह हिमाचल, सुभाष विश्वकर्मा हिमाचल, बलवान चन्द शास्त्री हिमाचल, कुलवीर बर्ध्दन हिमाचल, एस० के० शिवा कुमार तमिलनाडु, सूर्यकान्त शर्मा नयी दिल्ली, डा० मनोरंजन वर्मा नयी दिल्ली, डा० जितेन्द्र धीमान नयी दिल्ली, अनील जांगडा नयी दिल्ली, विकास पांचाल नयी दिल्ली, डा० जितेंद्र सिंह वर्मा आगरा, यशपाल सिंह दिल्ली, दीपक पांचाल दिल्ली, मनोज पांचाल दिल्ली, राकेश पांचाल दिल्ली, वशिष्ठ नारायण महाराष्ट्र,मनीराज विश्वकर्मा मध्यप्रदेश, हरीश विश्वकमा मध्यप्रदेश, के० वेंकटरमन आंध्रप्रदेश, बसंत विश्वकर्मा मध्यप्रदेश, राजू विश्वकर्मा दिल्ली, छोटे लाल विश्वकर्मा दिल्ली, राजेंद्र प्रसाद जांगिड मुजफ्फरनगर, वी•के• शर्मा एडवोकेट दिल्ली, गौरव धीमान बिजनौर, राजीव धीमान गुड़गांव, दीपक जांगिड हरियाणा, विजय जांगिड जालौन, शीतल विश्वकर्मा दिल्ली,सतीश शर्मा दिल्ली, तरुण पांचाल दिल्ली, एन० एल० जांगिडा फरिदाबाद, भरत सुथार गुजरात, डा० मुकेश पांचाल दिल्ली, शिवकुमार जौनपुर, वेदपाल पांचाल छतीसगढ सहित सैकड़ों प्रतिनिधि गणों ने अपना विचार व्यक्त कियें।