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बवाना पटाखा फैक्ट्री में हादसे के मामले में आज रोहिणी कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें पीड़ित परिवार के लोग पहुंचे थे और पीड़ित परिवार की तरफ से एडवोकेट ऋषि पाल ने कोर्ट के सामने दलील दी कि इस मामले में अकेले फैक्ट्री चलाने वाले शख्स जिम्मेदार नहीं बल्कि कोर्ट के सामने रखा कि जो फैक्ट्री की बिल्डिंग का मालिक है जिसने इस अवैध फैक्ट्री की को जगह दी और अपने बिल्डिंग में अवैध फैक्ट्री चलवाई वह भी इसके लिए जिम्मेदार है उसे भी FIR में शामिल किया जाए। साथ ही जो अधिकारी एमसीडी और दूसरी संबंधित विभागों के थे जिनकी जिम्मेदारी यह जांच की थी और जो वक्त वक्त पर जांच करते हैं कहीं कोई गैर कानूनी कार्य तो नहीं चल रहा। यह फैक्ट्री कई साल से अलग अलग जगह चल रही थी क्यों नहीं उन अधिकारियों ने ध्यान दिया। अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए यह सब बातें आज कोर्ट में रखी गई साथ ही इतनी बड़ी मात्रा में बारूद ये लोग जिस से लेकर आते थे और कौन लोग है जो वहां से ये बारूद सप्लाई का काम देख रहे थे वहां से इस सब पर भी यह सब भी जांच के दायरे में आने चाहिए और वे भी FIR में शामिल किए जाए। इन सब बातों को कोर्ट में क्राइम ब्रांच ने कहा वे इस पहलू से भी जांच कर रहे हैं । साथ ही पीड़ित परिवारों के वकील की तरफ से यह भी दलील रखी गई थी कि सत्रह मरने वालो में एक लड़की नाबालिक थी और जुविनाइल एक्ट भी लगना चाहिए था उसका आधार कार्ड पीड़ित पक्ष के वकील ने रोहिणी कोर्ट में दिया था। इस बात की आज क्राइम ब्रांच ने जो रिपोर्ट पेश की पुष्टि कर दी और माना कि एक लड़की नाबालिग थी और वह उससे जुड़ी धाराएं भी FIR में शामिल कर रहे हैं।
इस मामले में साफ़ है कि लंबे वक्त से यह अवैध बारूद के पटाखों का कारोबार लगातार चल रहा था और अधिकारियों ने इस पर तनिक भी ध्यान नहीं दिया कहीं ना कहीं वे अधिकारी भी जिम्मेदार हैं और अभी तक पुलिस इन अधिकारियों को जांच के दायरे और FIR में लाने बचाती नजर आ रही थी लेकिन अब पीड़ित परिवारों के वकील ने यह मुद्दा उठाया है यह मांग कोर्ट के सामने रखी है और संभावना बढ़ गई है कहीं ना कहीं जांच के दायरे और इस FIR में उन अधिकारियों के नाम भी शामिल हो सकते हैं जो जो इस मामले से संबंधित है और जिनकी जिम्मेदारियां थी। अब देखने वाली बात है कि बात होगी अगली सुनवाई में क्या होता है साथ ही एनआईए को जांच सौंपने के मामले में जब पूछा गया तो पीड़ित पक्ष के वकील ने बताया कि कोर्ट ने एनआईए के मामले पर संबंधित एजेंसियों को कोर्ट निर्देस देगा और NIA को जांच सौपने का कार्य हाई कोर्ट के अधीन आएगा । साथ ही पुलिस द्वारा बारूद की मात्रा की रिपोर्ट आनी बाकी है । एक निश्चित मात्रा से ज्यादा बारूद मिलता है तो जांच NIA को सौपी जा सकती है