पेट्रोल पम्पो पर नही होगी ठगी, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सील होगी पेट्रोल-डीजल डालने वाली मशीन
पिछले दिनों पेट्रोल पम्पो पर पेट्रोल और डीजल गाडियों में भरते वक्त पेट्रोल पम्पो पर ग्राहकों के साथ स्तर पर गडबड के मामले सामने आये . काफी पेट्रोल पम्प सील भी किये गये. कई जगह इसी घटनाए भी सामने आती है जब कम्पनी ने गाडी के टैंक की जो क्षमता दी है उससे कई लीटर ज्यादा पेट्रोल गाड़ी के टैंक में आ गया इससे साफ़ है की कही न कही पेट्रोल भरने वाली मशीन में गडबड है . इन समस्याओ से निजाक्त दिलाने के लिए जल्द ही सरकार ऐसी सख्त व्यवस्था करने जा रही है जिससे पेट्रोल पंप पर ग्राहकों को ठगना खत्म हो जाएगा। गाडि़यों में पेट्रोल-डीजल डालने वाली मशीनों को अब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सील किया जाएगा ताकि इससे किसी तरह की छेड़छाड़ न की जा सके। यह फैसला ऑयल मार्केटिंग कंपनियों और इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के साथ सरकारी अधिकारियों की हुई बैठक में लिया गया।
ग्राहकों को पेट्रोल-डीजल लेते समय डिसप्ले पर तो सही माप दिखाई जाती थी लेकिन वास्तव में उन्हें कम पेट्रोल-डीजल दिया जा रहा था। इसमें पल्सर कार्ड के जरिए गोलमाल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक चिप का यूज किया जा रहा था। इस कार्ड से पता चलता है कि पंप के जरिए कितना फ्यूल दिया जा रहा है।
जिस मशीन से गाडि़यों में फ्यूल डाला जाता है उसमें एक पल्सर कार्ड लगा होता है। इस कार्ड को लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट सील करता है। इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि ई-सीलिंग से यह पक्का हो सकेगा कि न तो इसके साथ कोई टेक्निशियन छेड़छाड़ कर सकता है और न ही इसमें पल्स फ्रिक्वेंसी एनहांसर चिप जोड़ा जा सकता है। एक सरकारी अफसर ने कहा कि एक चिप कस्टमर को हर लीटर पर 50 से 70 मिलीलीटर फ्यूल का लॉस करा सकता है। ई-सीलिंग से इन सब पर लगाम लगाई जा सकेगी।
फिलहाल सरकार ने कमर कसी है पर हजारो कर्मचारी मैकेनिक के तौर पर इसका समाधान भी तलासने में जुटेगे और इसका भी कोई इंडियन जुगाड़ भारतीय तलास लेंगे तो कोई बड़ा अचम्भा नही होगा. पर इस तकनीक को तोड़ने में वक्त भी लग सकता है और सब जगह टूटने वाली तकनीक पहुंचे ये भी जरुरी नही साथ ही सरकार भी कुछ न कुछ इसपर अम्ल करती रहेगी और लूप हॉल बाद में भी भरते रह सकते है . फिलहाल पेट्रोल पम्पो पर चल रहे ठगी के खेल से एक बार राहत मिलती नजर जरुर आ रही है