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Outer Delhi Manjari Village
दिल्ली देहात के एक गांव की लड़की ने यूपीएससी को क्वालीफाई किया और 351वां रैंक प्राप्त किया है। गांव की बेटी आईएएस बनी तो गांव के लोगों ने भी ढोल बजाकर मिठाइयां बांटकर खुशी मनाई । बाहरी दिल्ली के मोहम्मदपुर मजरी गांव की बेटी नतीशा इसी गांव में रहती है ।
नतीशा इसी गांव में रहती है। गांव में रहकर ही अपनी पढ़ाई को पूरा किया। शुरुआत में गांव से पब्लिक ट्रांसपोर्ट द्वारा पीतमपुरा में अपने सेकेंडरी स्कूल की पढ़ाई के लिए जाती थी। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज में पोलिटिकल ओनर्स में इन्होंने एडमिशन लिया और उसमें भी यूनिवर्सिटी में सेकंड पोजिशन प्राप्त की थी। तब भी ये बाहरी दिल्ली के इसी गांव से कॉलेज के लिए अप डाउन करती थी ।
![Natisha IAS at her village Manjari with her parents](http://aanews.in/wp-content/uploads/2019/04/Thumbnail_1554553785322-300x169.jpg)
खास बात यह है कि नतीशा के पिताजी किसान हैं और माताजी हाउसवाइफ है । परिवार में किसी ने भी यह परीक्षा उत्तीर्ण करना तो दूर की बात इससे पहले इस तरह की परीक्षाओं की तैयारी भी नहीं की थी जिससे इन्हें गाइडेंस मिलती। इन्होंने अपनी लगन से ही यह सब कोशिश की और तीसरी बार की कोशिश में इन्होंने आईएस की परीक्षा उत्तीर्ण की।
गांव के लोगों ने खुशियां मनाई और गांव के बुजुर्गों का कहना है कि यह एक मार्गदर्शन का काम करेगी । इस लड़की के यूपीएससी उत्तीर्ण करने पर गांव और आसपास के बच्चे और बच्चियां भी पढ़ाई की अच्छी तैयारी करेंगे ताकि वे भी इसी तरह की परीक्षाओं में उत्तीर्ण हो।
![Natisha IAS at her village Manjari with her parents](http://aanews.in/wp-content/uploads/2019/04/Screenshot_2019-04-06-17-57-15-805_com.mi_.android.globalFileexplorer-300x169.png)
गांव की बेटी IAS बनी तो गांव के लोगों ने भी ढोल बजा कर मिठाइयां बांट कर खुशी मनाई। गांव की लड़की के लिए ये एक काफी बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इस शहरों में गाइडेंस और सब सुविधाएं उपलब्ध होती है वो गांव में उपलब्ध नहीं होती और इनका अधिकतर समय तो गांव से कॉलेज तक जाने में ही खर्च हो जाता है। नतीसा के एक छोटे भाई है वे भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। जरूरत है इस तरह के बच्चे दूसरे बच्चों के लिए भी उदाहरण बने।