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New Delhi
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यख मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व को समर्पित नगर कीर्तन निकालने पर पुलिस द्वारा 55 व्यक्तियों पद दर्ज किये गये केस रद्द किये जायेंगे।
यहां जारी किये एक बयान में श्री सिरसा ने बताया कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने उन्हें आदेश दिया था कि वह इस मामले पर यू.पी सरकार से बात करें। इन आदेशों के बाद उन्होंने सरकार व पुलिस के साथ में राबता बनाया। उन्होंने बताया कि गुरु गोबिंद सिह जी के प्रकाश पर्व के मौके पर यह नगर कीर्तन सजाने के लिए लोगों ने बकायदा एस.डी.एम से अनुमति ली थी। यह गलती एस.डी.एम की थी जिन्होंने अनुमति दी पर रद्द नहीं की। इसी अनुमति के तहत नगर कीर्तन सजाया गया।
दिल्ली कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों को भी बताया है कि बेशक प्रशासन ने धारा 144 लागू की हुई थी पर नगर कीर्तन सजाना एक धार्मिक कार्य है। ऐसे कार्यों , विवाह, किसी की मौत होने पर उसका संस्कार या उसका अंतिम भोग इन धाराओं को धारा 144 से छूट हासिल हैं उन्होंने कहा कि नगर कीर्तन एक धार्मिक कार्य है जो लोगों को जोड़ता है व यह किसी भी तरह की सियासी गतिविधि नहीं थी और ना ही यह किसी तरह का रोष दिखावा सरकार के खिलाफ था।
उन्होंने आगे कहा कि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि इस मामले में किसी को भी गिरफतार नहीं किया जायेगा और ना ही कोई कार्रवाई की जायेगी बल्कि सबंधित व्यक्तियों के बयान दर्ज कर कानून के अनुसार यह केस रद्द कर दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि केस रद्द करना अपने आप में एक बड़ा धक्का है व हम सिखों के साथ किसी भी किस्म की धक्केशाही नहीं होने देंगे।
श्री सिरसा ने बताया कि उन्होंने यू.पी पुलिस व प्रशासन के साथ हुई बातचीत की रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब को दे दी है। श्री अकाल तख्त साहिब की छत्रछाया में सिख कौम पूरी तरह एकजुट है व दुनिया के किसी भी हिस्से में सिखों के साथ ज्यादती नहीं होने दी जायेगी।