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इस वीडियो में सूने खुद लोगो से पूरी डिटेल
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बवाना पटाखा फैक्ट्री में भीषण हादसे के बाद पीड़ित परिवारों के साथ हमदर्दी जताने खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल भी पहुंचे थे। पीड़ित परिवारों को पांच – पांच लाख रुपये के चेक भी सरकार ने दिए थे। अब इनमें से कई परिवार पांच का चैक लेकर भी काफी परेशानी झेल रहे हैं। दरअसल इनके हाथ में 5 लाख का चेक तो आ गया लेकिन वह कागज़ के टुकड़े से ज्यादा इनके लिए कुछ नहीं है। किसी के पास बैंक अकाउंट नहीं है तो किसी के पास पहचान पत्र में नाम गलत है जिस कारण इस चेक मिलने के बाद भी यह परिवार इसकी रकम प्राप्त नही कर पा रहे हैं। यह परिवार है मदीना नाम की महिला का जिसकी बवाना की पटाखा फैक्ट्री में मौत हो गई मदीना के घर का बिजली का कनेक्शन कट गया था और अस्सी हजार जिस पर जुर्माना था। इन अस्सी हजार को चुकता करके दोबारा घर में बिजली लगवाने के लिए मदीना खुद फैक्ट्री में नौकरी करने लगी थी जिस फेक्ट्री में जलकर मदीना की मौत हो गई । मदीना के तीन बेटियां और दो बेटे हैं जिनमें से एक बेटी और एक बेटा दिमागी रूप से पागल है और दूसरे मेंबर्स भी बीमार चल रहे हैं जिस कारण घर में कोई कमाने वाला नहीं था। मुख्यमंत्री केजरीवाल इस घर में पहुंचे और इस घर की बिजली जोड़ दी गई और पांच लाख रुपये का चेक दिया गया अब इतने दिन बीत जाने के बाद भी ये परिवार यह पैसे नहीं ले पा रहे हैं। यह परिवार कई बैंक में गया तो इन्हें वही जवाब मिला कि पैसे इनके अकाउंट में दिए जाएंगे। बैंक एकाउंट्स परिवार का है नहीं और बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए जो कागजात चाहिए आधार कार्ड आदि वह भी इस परिवार के पास नहीं है। इस परिवार ने पैन कार्ड नाम ही पहली बार सुना है तो पैन कार्ड बनवाने के लिए परिवार गया तो वहां पर आधार कार्ड मांगा गया। अब यह परिवार बेहद दुखी है, घर में कोई बीमार तो कोई पागल है इस कारण सरकार द्वारा दी गई पांच लाख रुपये की सहायता राशि भी नहीं ले पा रहे है।
परिवार को डर है कि इनका बिजली का कनेक्शन तो मुख्यमंत्री के कहने पर जोड़ दिया गया है लेकिन पिछला जुर्माना माफ नहीं हुआ है और इस कनेक्शन को अवैध तरीके से जोड़ा गया है अब उन्हें डर है कहीं फिर से इन्हें अस्सी हजार रुपये की पेनल्टी लग गई तो यह परिवार कभी भी नहीं उभर पाएगा और यह छोटा सा झुग्गी का घर तक बिक जाएगा तो भी कर्ज नहीं उतार पाएंगे और ना ही यह ये पांच लाख की सहायता राशि यूज कर पा रहे हैं। अब जरूरत है सरकार इस परिवार का कोई राहत का रास्ता निकालें। इसके साथ ही दूसरे कुछ परिवारों के भी समस्याएं हैं जिनके परिवार की महिलाओं की मौत इस हादसे में हुई थी। कोई दाह संस्कार करने गांव गया था बाद में आकर चेक प्राप्त नही कर पाया है तो किसी के परिवार में पहचान पत्रों में नाम की गलती की वजह से चेक क्लियर नही हुए कुल मिलाकर लोग मौत के बाद मिली सहायता राशि भी नही ले पा रहे हैं। नीरज अपनी माँ का अंतिम संस्कार करने गांव गया था अब दिल्ली आया तो चेक बंट चुके थे अब नीरज फाइल जमा करवाकर सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है पर सहायता राशि का चेक नही मिल पाया है ।
अब जरूरत है हादसे के शिकार इन गरीबो की मदद सरकार दिल से करें और राहत राशि इन तक पहुंचाए ऐसा न हो कागजात के अभाव में ये चेक से मिली राहत राशि ही न भुनवा पाए ।
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