अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा आयोजित प्रेसवार्ता में समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री यषपाल मलिक ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा जाट समाज के साथ किये गये समझौते-जिसमें फरवरी 2016 के आन्दोलन के बाद 22 फरवरी 2016, 18 मार्च 2016, जून 2016 के आन्दोलन व 29 जनवरी 2017 से 20 मार्च 2017 तक चले आन्दोलन में हरियाणा सरकार के साथ आन्दोलन के दौरान कई दौर की वार्ता के बाद 19 मार्च 2017 को हरियाणा के मुख्यमन्त्री श्री मनोहर लाल खट्टर के साथ केन्द्र सरकार के प्रतिनिधि केन्द्रीय मन्त्री चौ॰ बीरेन्द्र सिंह व श्री पी.पी.चौधरी की उपस्थिति में 6 माँगों पर हरियाणा सरकार के मुख्यमन्त्री श्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा 6 माँगों पर दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में सार्वजनिक रूप से देश भर के मीडियाकर्मियों के सामने प्रेस कान्फ्रेंस में समझौते को लागू करने का वायदा किया था। आज उपरोक्त वायदे को 10 महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी भी सरकार ने सभी माँगें पूरी नहीं की हैं। इस लिये जाट समाज ने आज फिर यह निर्णय लिया है कि जब तक सभी 6 माँगें पूरी नहीं हो जाती हैं तब तक संघर्ष जारी रहेगा। आज भविष्य में आन्दोलन की तैयारी की घोषणा करते हुऐ उन्होंने कहा कि 13 सितम्बर 2010 से लेकर 22 फरवरी 2017 तक 21 नौजवान भाईयों ने इस आन्दोलन में अपनी शहादत दी और 29 जनवरी से 20 मार्च 2017 तक चले आन्दोलन के दौरान भी धरनों पर बैठे भाईयों व धरनों पर आने जाने के दौरान विभिन्न घटनाक्रमों में 8 भाईयों व बहनों को अपनी कुर्बानी देनी पड़ी। अतः सामूहिक रूप से सभी भाईयों व बहनों के बलिदान के लिये उनकी याद में 18 फरवरी 2018 को “बलिदान दिवस” का आयोजन किया जायेगा। बलिदान दिवस पर ही भविष्य के आन्दोलन की रणनीति घोषित की जायेगी। आन्दोलन को राष्ट्रव्यापी बनाने के लिये आज निम्न रणनीति की घोषणा की गईः
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1. देशभर में सभी जाट बाहुल्य जिलों पर 18 फरवरी 2018 को“बलिदान दिवस” पर रैलियों का आयोजन किया जायेगा।
2. 18 फरवरी 2018 को “बलिदान दिवस” पर भविष्य में चलने वाले आन्दोलन की रूप रेखा तय कर आन्दोलन की रणनीति घोषित की जायेगी।
3. बलिदान दिवस पर सभी 36 बिरादरी के लोगों को आमन्त्रित कर हरियाणा सरकार की हरियाणा में भाईचारा तोड़ने की साजिषों को बेनकाब किया जायेगा।
4. हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग को जाट समाज को हरियाणा में आरक्षण की पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल करने व हरियाणा सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों के आंकड़ों पर अपने पक्ष से सम्बन्धित पत्र आज 29 दिसम्बर 2017 को आयोग को सौप दिया।
राष्ट्रीय महासचिव श्री अषोक बल्हारा ने बताया कि बलिदान दिवस की तैयारी शुरू कर दी गई है और बलिदान दिवस का आयोजन उन्हीं स्थानों पर किया जायेगा, जहाँ जून 2016 में या जनवरी 2017 से मार्च 2017 तक धरनों का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि बलिदान दिवस ऐतिहासिक होगा और माँगें पूरी ना होने पर आन्दोलन की रणनीति तय कर देषव्यापी आन्दोलन शुरू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में प्रचार अभियान की शुरूआत कल 28 दिसम्बर 2017 को कुरूक्षेत्र में तीन जिलों की कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाकर कर दी गई है। 18 फरवरी 2018 को बलिदान दिवसको अन्य जाट बाहुल्य राज्यों में भी सभी जिलों पर कार्यक्रम आयोजित कर आरक्षण आन्दोलन में हुऐ शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ आन्दोलन की रूप- रेखा भी तय कर हरियाणा की माँगों को पूरा करने के साथ केन्द्रीय आरक्षण के लिये भी देषव्यापी आन्दोलन की रणनीति तय कर आन्दोलन चलाया जायेगा।
इस अवसर पर पंचकुला के जिलाध्यक्ष श्री आजाद मलिक, सोनीपत के जिलाध्यक्ष श्री आजाद लठवाल व राष्ट्रीय महासचिव श्री सुरेष मछरौली भी मौजूद रहे।