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रोहिणी , नई दिल्ली ।
रोहिणी के बाबासाहेब अंबेडकर अस्पताल में यूनियन के कर्मचारियों की 2 दिन से हड़ताल जारी है। आज दूसरे दिन भी यूनियन के पदाधिकारी अस्पताल परिसर में धरने पर बैठे रहे। इन Union कर्मचारियों में ग्रुप सी और डी के अस्पताल के कर्मचारी है और अपनी लंबे वक्त से पेंडिंग मांगों को लेकर यह भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
फिलहाल इनकी यह 3 दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल है यदि इनकी मांगों पर विचार नहीं हुआ तो भूख हड़ताल लंबी भी चल सकती है फिलहाल इन्होंने घोषणा तीन दिन की हड़ताल की है और आज दूसरा दिन है। इन कर्मचारियों का कहना है कि ऊपर के बैठे अधिकारी सचिवालय में बैठकर पॉलिसी बना देते हैं और उन पॉलिसी को लागू नीचे के हम सब कर्मचारी करते हैं। इनकी क्या-क्या समस्याएं होती है उसकी तरफ़ बड़े अधिकारी कोई ध्यान नहीं देते। इनका कहना है कि आज तक वेतन में उन्हें सातवें वेतन आयोग का भत्ता जोड़कर नहीं दिया गया है।
इनका कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का भत्ता जोड़कर दिया जा रहा है लेकिन वह दिल्ली सरकार के अधीन काम करते हैं तो उनको नहीं दिया जा रहा है। इनका कहना है कि जब वेतन आयोग लागू हो चुका है तो उसका भत्ता क्यों नहीं अभी तक दिया जा रहा है । साथ ही इनका कहना है कि अस्पताल में ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों को दिल्ली के निजी अस्पतालों में निशुल्क इलाज की सुविधा हो कर्मचारियों की तीसरी मांग है कि पिछले 2 साल से लैब कैडर कार्य नहीं हुआ है उसे जल्दी से जल्दी रिलीज किया जाए जिसमें कर्मचारियों की पदोन्नति हो । चौथी मांग के तहत कर्मचारियों का कहना है कि अस्पताल में काफी पर कर्मचारियों के खाली हैं इन खाली पदों में तुरंत नियुक्ति की जाए जिससे मरीजों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो । साथ ही इनका कहना है कि 2004 के बाद बंद पेंशन स्कीम को दोबारा से लागू किया जाए
इनके साथ ही मांग है कि कॉन्ट्रैक्ट के कार्यरत सभी पदों को स्थाई किया जाए। साथ ही इनकी मांग है कि अगर हो सके तो डॉक्टरों की भांति पैरामेडिकल स्टाफ की भी सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष की जाए और कैशलेस सुविधा सभी सदस्यों सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को दी जाए । इसी के मद्देनजर इनका कहना है कि इनकी अनदेखी की जा रही है इस कारण इनका यह आंदोलन आगे अग्रसर हो रहा है और दिल्ली के अस्पतालों में बड़ी हड़ताल भी हो सकती है।
इनका कहना है कि 18 मई को केंद्र व दिल्ली सरकार का विरोध करते हुए ये सब पुतला दहन करेंगे और अगर फिर भी सरकार इनकी मांगे नहीं मानती है तो 25 मई 2018 को सुबह 6:00 बजे से 26 मई 2018 सुबह 6:00 बजे तक सामूहिक सांकेतिक हड़ताल फिर से की जाएगी। फिर भी यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो यह हड़ताल अनिश्चितकालीन भी बढ़ सकती है । क्या कहना है इस यूनियन के पदाधिकारियों का इन्हीं से सुनी है ।