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Narela Vidhansbha
दिल्ली में कालोनियों के अंदर सबसे बड़ा वोट बैंक बसता है। हर चुनाव में कॉलोनियों के लोगों से उनकी कालोनियों को नियमित करने का वायदा करके सभी पार्टियां वोट मांगती है। चुनाव के बाद इन कालोनियों के नियमित होना तो दूर अधिकतर कालोनियों में गली सड़के तक नहीं बन पाती। हर बार कालोनियों के लोग खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं ।
33 मिनट के इस वीडियो में पूरे हालात देखिये और लोगो ने क्या कहा सुनिए। अंत मे बुजुर्ग और महिलाओं ने क्या कहा
वीडियो
आज हम आपको दिखा रहे हैं दिल्ली के नरेला विधानसभा के एरिया अंतर्गत हिरणकी गांव और उसके पास में बसी ये उत्तराखंड कॉलोनी। हिरणकी गांव की गलियां काफी पुरानी हो चुकी है और कई गलियों को दशकों से नहीं बनाया गया है। वो गलियां उखड़ गई है।
साथ ही गांव के बस स्टैंड के पास किसी भी तरह का शैड नहीं और ना ही कोई शौचालय बस स्टैंड के पास बनाया गया है । बुजुर्गों , बीमार और महिलाओं को यहां शौचालय न होने से काफी दिक्कत होती है। गांव में आने जाने के लिए बस की सर्विस भी नहीं है । डीटीसी बस की सर्विस नहीं होने के कारण भी लोग काफी परेशान रहते हैं।
इसी के पास में बसी उत्तराखंड कॉलोनी इन लोगों की मानें तो 1992 से बसी है ।
इस कॉलोनी को देखकर आप चौक जायेंगे। कॉलोनी के अंदर जाने वाली सड़क आज तक बनी ही नहीं। सड़क नहीं बनी तो कच्चे रास्ते पर बड़े-बड़े गड्ढे होने से दूसरी गाड़ियां भी नहीं जाती। यहां तक की किसी रिक्शा या ऑटो से भी ये लोग अंदर आना चाहे तो वो रिक्सा चालक भी मना कर देते हैं क्योकि रास्ता उबड़ खाबड़ है। बारिश के मौसम में लबालब पानी भर जाता है।
स्कूल के बच्चों को जाने में काफी दिक्कत होती है। स्कूल के बच्चों को करीब दो किलोमीटर पैदल जाना पड़ता है इसलिए 2 घंटे पेरेंट्स के बच्चों को लाने और ले जाने में खराब हो जाते हैं । यहां करीब 200 घरों की यह कालोनियां बसी हुई है जब सड़क नहीं बनी तो गलियां बनने की संभावना बहुत दूर की बात है ।
अब ये लोग चाहते हैं कि सड़क और गली बन जाए बाकी काम तो धीरे-धीरे होते रहेंगे। साथ ही कूड़े की गाड़ी का भी इंतजाम इस गांव में नहीं। कूड़े की गाड़ी का इस कॉलोनी में नहीं आना इन लोगों के लिए बड़ी समस्या है। फिलहाल और भी कई समस्याएं इन लोगों की है वो सभी आप लोगों द्वारा इनकी AA News में बाईट सुनिए।