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Gandhi Vihar
Report : Anil Attri
देश की राजधानी दिल्ली में खतरनाक बिल्डिंगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है । कई बड़े हादसों के बाद भी बिल्डिंग निर्माण से जुड़े अधिकारी लापरवाही से बाज नहीं आते । दिल्ली उत्तरी दिल्ली का गांधी विहार जो कि स्टूडेंट्स का हब है । यहां पर हजारों स्टूडेंट्स देशभर से रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करते हैं ।
दिल्ली विश्विद्यालय के नार्थ कैंपस से गांधी विहार सटा होने के कारण यहां मुखर्जी नगर और गांधी विहार में सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स सिविल सर्विसेज की तैयारियां करने वाले रहते हैं ।
गांधी विहार के इस एफ ब्लॉक में कई बिल्डिंग हैं । इन बिल्डिंगों की दरारों में 1 इंच से लेकर करीब 5 फ़ीट से भी ज्यादा का फैसला आ गया है । कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है । इसके लिए कोई भी एजेंसी जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार नही है । यदि ये बिल्डिंग आपस मे न जुड़ी होती तो।अबतक कोई बड़ा हादसा हो चुका होता ।
कई बिल्डिंग है तो 1 साल से इसी तरह झुकी हुई है अब इस मानसून में जैसे ही ज्यादा बारिश हुई तो यहां दीवारों के बीच गैप आने शुरू हो गए हैं यह बिल्डिंग लगातार झुुुक रही है । कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है ।
इस ब्लॉक में करीब 5000 स्टूडेंट्स सिविल सर्विसेज की तैयारियां करने वाले रहते हैं और यह पूरी बिल्डिंग पूरा ब्लॉक ही खतरनाक है कभी भी यहां बिल्डिं गिर सकती है क्योंकि ज्यादातर बिल्डिंग लगातार झुकी हुई है । यहां पर रहने के लिए किराया काफी सस्ता है और कोचिंग सेंटर के पास भी है । इसी लिए मजबूरी में रहना पड़ता है । हम लोग तो मौत के साये में रह रहे है ।
स्थानीय निगम पार्षद और स्थानीय लोगों की माने तो यहां पर पहले कूड़े की डंपिंग साइट होती थी । उस डंपिंग साइट की जगह पर यह बिल्डिंग डीडीए द्वारा खड़ी कर दी गई थी । डंपिंग साइट होने की वजह से ज़मीन में चाल बन रही है है ।
जिसकी वजह से यह बिल्डिंग एक दूसरी बिल्डिंग से दूर हट रही है । कभी भी कोई इन बिल्डिंगों की वजह बड़ी घटना घट सकती है फिलहाल यहां रहनेे वाले लोगों में और स्टूडेंट्स में काफी दहशत बनी हुई है । लेकिन मजबूरी में उन्हें यहां पर पढ़ाई करनी पड़ रही है ।
इस बारे में जब स्थानीय निगम पार्षद नवीन त्यागी से बात की गई तो उनका कहना है कि ये बिल्डिंग डंपिंग साइट की जगह पर बना हुई है और नीचे से डंपिंग साइट को पूरी तरह से साफ नहीं किया गया । यह सब डीडीए की कारस्तानी है इसमें दिल्ली नगर निगम का कोई रोल नहीं है यदि कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार दिल्ली नगर निगम नहीं बल्कि DDA होगा ।
अब सवाल ये उठता है कैसे इस बिल्डिंग का निर्माण बिना नगर निगम की परमिशन के हो गया । जब नगर निगम ने नक्शा पास नहीं किया तो कैसे इस तरह की ऊंची बिल्डिंग बन गई ।
लोगों के पास ऐसा कोई नक्शा होने की दिल्ली में खतरनाक बिल्डिंगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है । बड़े हादसों के बाद भी बिल्डिंग निर्माण से जुड़े अधिकारी लापरवाही से बाज नहीं आते ।
दिल्ली के गांधी विहार जो कि स्टूडेंट का अब है यहां पर हजारों स्टूडेंट्स रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करते हैं DU केंपस से गांधी विहार में किराया सस्ता होने के कारण यहां मुखर्जी नगर गांधी विहार में सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स रहते है ।