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NEW DELHI
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि केन्द्र सरकार के पुरातत्व विभाग (ए.एस.आई) द्वारा शालीमार बाग में औरंगज़ेब के राजतिलक वाली जगह के नवीनीकरण की योजना उल्लिखित की गई है और दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी इस योजना को किसी कीमत पर पूरा नहीं होने देगी।
आज यहां प्रैस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए श्री सिरसा ने कहा कि औरंगज़ेब के राजतिलक वाली जगह शालीमार बाग का सरकारी पैसे से नवीनीकरण किया जा रहा है और यह सरकारी पैसा लोगों द्वारा भरे टैक्सों की राशि है व यह राशि किसी कीमत पर लगने नहीं दी जायेगी और मुगल बादशाह के राजतिलक वाली जगह का नवीनीकरण नहीं होने दिया जायेगा।
श्री सिरसा ने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी ऐसी किसी भी तजवीज़ की ज़ोरदार निंदा करती है। औरंगजेब एक ज़ालिम बादशाह था जो रोज़ाना स्वामण जनेऊ तोल कर उसके बाद रोटी खाता था क्योंकि उसकी धारणा थी कि इतने हिन्दूओं को मुस्लमान बनाने से ही अल्ला उससे प्रसन्न हो सकता है व उस पर मेहरबान हो सकता है। उन्होंने कहा कि उसने सिर्फ हिन्दूओं पर ही जुल्म नहीं ढहाया बल्कि उसने अपने पिता व भाई का भी कत्ल करवा दिया।
श्री सिरसा ने कहा कि इस अत्याचारी से सताये हुए कश्मीरी पंडित श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के पास पहुंचे थे जिन्होंने अपनी शहादत दी। गुरु गोबिंद सिंह साहिब ने चार साहिबज़ादों की शहादत के बाद औरंगज़ेब को पत्र लिख कर कहा था कि उनके चार पुत्र उसने शहीद कर दिये हैं पर यह शहादत सिखों को डरा नहीं सकती क्योंकि उनके हज़ारों पुत्र अभी जीवित हैं।
श्री सिरसा ने कहा कि औरंगज़ेब का महिमामण्डन इस मुल्क में बिल्कुल नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि चाहे अपनी विरासत संभालना सरकार का फर्ज होता है पर औरंगज़ेब हमारी विरासत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष में जब सिख कौम गुरु तेग बहादुर साहिब जी का 400वां प्रकाश पर्व मनाने की तैयारी कर रही है और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वंय इसकी जानकारी संसद के दोनों सदनों को दी है तब औरंगज़ेब जैसे अत्याचारी हत्यारे व दरिंदे का महिमामण्डन की आज्ञा किसी कीमत पर नहीं दी जा सकती।
उन्होंने कहा कि हम सरकारों को अपील नहीं कर रहे बल्कि स्पष्ट चेतावनी दे रहे हैं कि फिर चाहे सरकार अपने स्तर पर यह कार्य तुरंत रूकवाये नहीं तो सिख संगत स्वंय औरंगज़ेब के राजतिलक वाली जगह का नवीनीकरण रोकेगी।
इस प्रैस कान्फ्रेंस के दौरान स. सिरसा के साथ कमेटी के महासचिव हरमीत सिंह कालका, गुरमीत सिंह शंटी, परमजीत सिंह चंडोक, सरवजीत सिंह विरक, जतिंदरपाल सिंह गोलडी, कुलदीप सिंह साहनी, जसप्रीत सिंह विक्की मान भी मौजूद थे।