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Sanjay Gandhi Transport Nagar
अनिल अत्री दिल्ली।
सैकड़ो ट्रांसपोर्टर सरकार की निकाल रहे हैं शवयात्रा और प्रदर्शन जारी। इस तरह की छोटी खबरों के लिए Youtube पर AA News को Subscribe करें।
देश में ट्रकों की हड़ताल चौथे दिन भी जारी। अभी तक सरकार से नही हुई कोई बातचीत। दिल्ली का संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर बन्द। सैकड़ो ट्रांसपोर्टर सरकार की निकाल रहे हैं शवयात्रा और प्रदर्शन जारी । नही हो पाई है सरकार से कोई सुलह। ट्रांपोर्टर्स ने सरकार के पुतले दहन किये साथ ही रोड़ पर टायरों को जलाकर विरोध जताया।
सरकार के पुतले बनाकर शव यात्रा निकाल रहे यह लोग हैं दिल्ली के संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर के ट्रांसपोर्टर है । ट्रांसपोर्टर की ट्रकों की हड़ताल का आज चौथा दिन है।
चार दिन बीत गए लेकिन अभी तक सरकार की ओर ट्रांसपोटर्स की कोई बातचीत हड़ताल के दौरान नहीं हुई है। हड़ताल से एक दिन पहले जरूर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से इन लोगों की मीटिंग हुई थी लेकिन उसमें बात नहीं बन पाई थी। उस मीटिंग में इनकी मुख्य मांगे नहीं मानी गई थी। अब ट्रांसपोर्टरस का कहना है कि वे पीछे हटने वाले नहीं है।
चार दिन से हड़ताल जारी है लेकिन इसमें दूध, फल, सब्जी , दवाइयों को हड़ताल से बाहर जरूर रखा गया है पर बड़ी ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां न चलने से इन चीजों की दिक्कत भी हो सकती है। हड़ताल का आह्वान ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की तरफ से किया गया है और दावा है कि देशभर में अलग-अलग यूनियनों ने उनका साथ दिया और इसके बाद करीब पिचानवे लाख ट्रकों के पहिए 4 दिन से रुके हुए हैं।
जब हड़ताल को 5 से 6 दिन हो जाएंगे तब जरूरी सामान की किल्लत होना लाजमी है। ट्रांसपोर्ट जगत का करोड़ों का नुकसान हो रहा है साथ में सरकार को भी करोड़ों रुपए के रेवेन्यू का लगातार नुकसान हो रहा है। अब ये लोग हर रोज संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में जमा होकर सरकार की शव यात्रा निकालकर विरोध जताते हैं
फिलहाल देश के अलग-अलग शहरों में ट्रांसपोर्टरस लगातार विरोध जता रहे हैं और ट्रकों की हड़ताल जारी है। कुछ छोटे ट्रांसपोर्टरस यदि ट्रक चलाने की कोशिश भी करते हैं तो उन्हें यूनियनों द्वारा और दूसरे ट्रांसपोर्टरस द्वारा रोक दिया जाता है ।
फिलहाल ट्रकों के पहिए रुके हुए हैं और मुख्य रूप से इन ट्रांसपोर्टर्स चार मांगे हैं सबसे मुख्य मांग है कि डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। ट्रांसपोर्टस की दूसरी मांग है कि देश में जगह-जगह टोल बैरियर लगाये गए हैं जिन पर करोड़ों रुपए का डीजल ट्रकों का इंतजार में खड़े होकर जल जाता है। इसलिए ट्रांसपोर्टस का कहना है कि जितनी रकम सरकार को पूरे देश में टोल नाकों से प्राप्त होती है उतनी रकम वह पहले ही देने को तैयार है । इसलिए देश से टोल नाके हटाई जाए जिससे छोटी निजी गाड़ी चालकों को भी फायदा होगा उनका टोल गेट भी ट्रांसपोर्टस को देने को तैयार है और तीसरी मांग थर्ड पार्टी बीमा का महंगा होना है। इन सभी मांगों को लेकर ट्रांसपोर्टस लगातार चार दिन से हड़ताल पर है।
हड़ताल के 4th day का वीडियो
अब देखने वाली बात होगी कि जरूरी सामान की किल्लत होने के बाद सरकार इनसे कुछ समझौते के लिए बातचीत आगे बढ़ाएगी या उससे पहले ही। फिलहाल अभी तक कोई समझोता होता नजर नहीं आ रहा है।