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Burari, New Delhi
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दिल्ली के बुराड़ी विधानसभा में बुराड़ी बाईपास से नत्थूपुरा तक करीब दर्जनों बस स्टैंड हैं लेकिन एक भी बस स्टैंड पर धूप और बारिश आदि से बचने के लिए डीटीसी के बनाए गए शेल्टर नहीं है । मुख्य सचिवों के निलंबन से पहले यहां के स्थानीय विधायक संजीव झा खुद ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर के संसदीय सचिव थे । उस दौरान भी यहां वह शेल्टर नहीं बनवा सके । बुराड़ी स्कूल में हजारों बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं कोई सड़क पर कोई शेल्टर नहीं है जो एकाध बचे है वे जर्जर है । उनके नीचे खड़े हुए तो जान भी जा सकती है । अब गर्मी के मौसम में बच्चों बुजुर्गों महिलाओं सभी को धूप में खड़े होकर बस का इंतजार करना पड़ता है और यदि बारिश आई तो भी उन्हें वहीं खड़ा रहना पड़ता है क्योंकि बचने के लिए किसी तरह का कोई शेल्टर नहीं है।
सभी शेल्टर पुराने होकर पूरी तरह से टूट चुके हैं । लोगो का कहना है कि यह बच्चों को काफी परेशानी होती है वह गेट से देखते हैं कि बच्चे धूप में खड़े रहते हैं उन्हें छाया के लिए बस शेल्टर का होना जरूरी है। लेकिन शेल्टर बिल्कुल गेट के पास में न हो जिससे जाम लग जाता है बच्चों को परेशानी होती है । स्कूल के गेट से थोड़ा आगे या पीछे कोई शेल्टर हो तो बेहतर रहेगा । यही हाल बुराड़ी गांव, नत्थूपुरा , संत नगर , झड़ोदा आदि जगहों का है । यहां 20 से ज्यादा बस के स्टैंड है लेकिन कहीं भी शेल्टर नहीं है। बस शेल्टर ने होने से यहां काफी दिक्कत रहती है। साथ ही इतनी बीच की लंबी दूरी पर न ही कोई टॉयलेट है किसी मधुमेह के मरीज या किसी महिला को वेग आता है तो यहां किसी भी तरह के टॉयलेट की सुविधा नहीं है उन्हें अपने वेग को रोकना ही मजबूरी होती है जो शरीर में सैकड़ों सैकड़ों बीमारियां पैदा करता है । स्वच्छ भारत अभियान का सभी समर्थन करते हैं सरकारें बड़ी-बड़ी दलीलें देती है लेकिन बस स्टैंड पर टॉयलेट न मिलना कितना बड़ा सवाल सरकारी व्यवस्था पर खड़े करता है । जरूरत है प्रशासन इस समस्या पर ध्यान दें । आपसे अनुरोध है डबल ए न्यूज़ को सब्सक्राइब और इस वीडियो को लाइक करें । डबल ए न्यूज़ ।