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#Amrit_Vihar_Burari
नॉर्थ – वेस्ट दिल्ली के स्वरूप नगर थाना एरिया में नशीले पदार्थ रिहायशी इलाकों में जगह-जगह बिकने पर लोगों में भी काफी गुस्सा है। इस एरिया की अमृत विहार कॉलोनी में तो लोगों ने नारेबाजी कर पुलिस का विरोध भी किया है । बीती रात दिल्ली पुलिस के खिलाफ लोगों ने जमकर हंगामा किया। दरअसल अमृत विहार कॉलोनी में एक मकान में रहने वाले परिवार पर आरोप है कि उस मकान में गांजा और चरस जैसे नशीले पदार्थ मिलते हैं। यह आरोप एक दो लोग नहीं लगा रहे बल्कि उस घर को छोड़कर पूरी कॉलोनी आरोप लगा रही है। सभी लोगों ने मिलकर पुलिस को शिकायत भी दी है। लोगों का आरोप है कि यहां दूसरे कालोनियों के नशा करने वाले नशेड़ी गांजा और चरस लेने के लिए आते हैं और घर के बाहर लाइन तक लग जाती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि राशन के डिपो पर राशन लेने के लिए लाइनें लगती है लेकिन इस कॉलोनी में तो गांजा और चरस जैसी नशीली चीजें लेने के लिए सरेआम लाइने लगती है। फिलहाल कल भी कुछ नशेड़ीयो लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया क्योंकि यहां 2 दिन पहले भी नशेड़ी ओं ने एक बुजुर्ग महिला की चेन स्नैच की थी। उस चैन स्नैचिंग के दौरान बुजुर्ग महिला नीचे भी गिर गई जिसे काफी चोट आई है और अभी भी अस्पताल में भर्ती है ।
चोरी की घटनाएं लगातार इस कॉलोनी में बढ़ती जा रही है जिस घर के ऊपर आरोप है उस घर के पास में ही घर से भी डेढ़ लाख रुपए की चोरी हुई है । सभी का आरोप है कि चोर और नशेड़ीयो का वह घर बन चुका है। इस घर का लोग विरोध कर रहे हैं। बीती रात पुलिस का घेराव कर भी लोगों ने काफी हंगामा किया। फिलहाल लोगों के हंगामे को और पूरी कॉलोनी के विरोध को देखते हुए अब वहां दो पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए हैं लेकिन गली के लोगों का कहना है कि जैसे यह दो-तीन पुलिस कर्मी हटेंगे फिर वहां पर नशेड़ी आना शुरू हो जाएंगे। आरोपी के मकान में एक महिला और उसका पति रहते हैं आरोप उस मकान में रहने वाली महिला पर है इस महिला का कहना है कि वह कोई गलत चीज नहीं बेचती उसके जानकार लोग ही सब आते हैं। वह समाज सेवक हैं और जिन्हें समाज सेवा करवानी होती है वही लोग उसके पास आते हैं। महिला का कहना है कि उसका एक बेटा जेल में है और एक बेटी की मौत हो चुकी है थोड़ा बहुत समाज सेवा कर रही है।
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यही सच्चाई है कि दिल्ली में यहीं पर नहीं बल्कि जगह-जगह पर इसी तरह से नशे के बने हुए हैं और पुलिस उन्हें बंद नहीं करवा रही है जिससे पुलिस की मंशा पर भी सवाल खड़े होते हैं । यदि नशे के अड्डो को बंद करा दिया जाए तो कहीं ना कहीं क्राइम में भी कमी आ सकती है लेकिन लगता है कि पुलिस क्राइम कम करने की बजाए अपने रेवेन्यू बढ़ाने पर ध्यान दिए हुए हैं।