दिल्ली की सर्द रातों में नलिन सिंह की, माई वर्जिन डायरी
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एनआरएआई प्रोडक्शन, एंटरटेनमेंट के क्षेत्र में पहली बार एक अनूठा प्रयोग कर रहा है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के इतिहास में माई वर्जिन डायरी नाम की एक अनूठी फिल्म मोबाइल मनोरंजन के सभी रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी में है।
अभिनेता और निर्देशक नलिन सिंह के निर्देशन में बनी इस फिल्म की स्क्रिप्ट अरुणेश रंजन और नलिन सिंह ने लिखी है। यह फिल्म नार्थ कैंपस के इर्द-गिर्द घूमती है और दिखाती है कि कैसे कॉलेज कैंपस में जिंदगी की शुरुआत रात 11 बजे के बाद शुरू होती है। कहानी कुछ इस तरह से आगे बढती है कि जब रात को सारी दुनिया नींद के आगोश में डूब जाती है, तब नार्थ कैंपस में दिन निकलता है और गहमागहमी का दौर शुरू हो जाता है।
चाय और सिगरेट के बीच यारबाशी के कभी न खत्म होने वाले दौर के साथ अलग-अलग विषयों पर छात्रों की जो बातचीत और बहस शुरू होती है वो रात के गहराने के साथ-साथ और तेज़ होती जाती है। और फिर मैगी नूडल्स के साथ ही खत्म होती है। फिल्म के निर्देशक नलिन सिंह कहानी पर प्रकाश डालते हुए आगे बताते हैं कि कैसे वो लोग उस जमाने में अपनी शराब की बोतलों को छुपाने का जुगाड़ अपने एक साथी राकेश चौधरी के साथ मिलकर करते थे। राकेश का भी इस फिल्म में भी एक महत्वपूर्ण रोल है। इस फिल्म में कॉलेज लाईफ के सभी अनछूए पहलुओं को इतनी खूबसूरती से फिल्माया गया है कि 90 के दशक में कॉलेज में पढने वाले सभी लोगों को अपने पुराने दिन जरूर याद आ जायेंगे।
फिल्म में छोटे शहरों से आये उन छात्रों की जिन्दगी को भी बहुत खूबसूरती से उकेरा गया है, जिनके मन में जिज्ञासा रहती थी कि बड़े शहर के छात्रों की हॉस्टल लाईफ कैसी होती है,उन्हें किन-किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और कैसे उन तमाम उलझनों के बावजूद वह अपने लिए ज़िन्दगी जीने का कोई ना कोई मौका ढूंढ लेते हैं। नलिन सिंह आगे बताते हैं कि उनके कॉलेज के दिनों में सब यार दोस्त मिलकर नुक्कड़ नाटकों और गानों की तैयारी किया करते थे और पूरी-पूरी रात रिहर्सल में निकाल दिया करते थे। उस दौर में रातों को जाग कर काम करने का मजा ही कुछ और हुआ करता था। जिन छात्रों को पढना होता था वो भी अपने कमरों में धीमा-धीमा संगीत चला कर पढाई किया करते थे।
माई वर्जिन डायरी नाम की यह फिल्म छात्रों के बीच होने वाले झगड़ों, गर्ल फ्रेंड्स और कभी कभी नशे में जिन्दगी को लेकर होने वाली आपसी बातचीत पर आधारित है। ये किसी भी छात्र के ज़िन्दगी को करीब से छू सकते हैं।
हॉस्टल की अनसुनी कहानियों से भरपूर यह फिल्म कई डिजिटल और अन्तर्राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज होने वाली पहली फिल्म है।
मोहित तिवारी, राकेश चौधरी, अनिरुद्ध गांगुली,कृतिका तन्ना, बारबरा और जूलिया द्वारा अभिनीत इस फिल्म में संगीत मुकेश राजेश्वरी ने दिया है। फिल्म का निदेशन नलिन सिंह द्वारा किया गया है।
कई भाषा दर्शकों की सुविधा के लिए फिल्म के सब टाईटल अंग्रेजी में जारी किये जायेंगे।