किसानों की खुदकुशी पर फिल्म ‘तिल्ली’ लेकर आ रहे हैं फिल्म निर्माता आनंद कुमार

आनंद कुमार और अशोक कुकरेजा द्वारा निर्मित एवं सागर एस शर्मा द्वारा निर्देशित रघुवीर यादव, अतुल श्रीवास्तव, रिजवान शेख और नीरज पांडे की मुख्य भूमिकाओं से सजी फिल्म ‘तिल्ली’ दर्शकों को झकझोरने के लिए तैयार है, क्योंकि इस फिल्म के माध्यम से किसानों की आत्महत्या के मामलों को बेहद संवेदनशील ढंग से उठाया जा रहा है। कुदरत के कोप के शिकार बुंदेलखंड में पिछले एक साल से किसानों की मौत का सिलसिला जारी है। क्षेत्र के सौ से अधिक किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें आत्महत्या कर मौत को गले लगाने वालों की तादात ज्यादा है। बुंदेलखंड की यही करुण हकीकत ‘तिल्ली’ की कहानी है।
कहानी तिल्ली नाम के एक 10 वर्षीय शरारती लड़के के जीवन के चारों ओर घूमती है, जो अपने माता-पिता के साथ एक गांव में रहता है। तिल्ली स्कूल में बहुत लोकप्रिय है। वह हमेशा अपने शिक्षकों को परेशान करने के लिए तत्पर रहता है, लेकिन इसके बावजूद सभी उससे प्यार करते हैं। भारत में हर साल कर्ज के बोझ और किसानों के असफल होने के कारण कई किसान आत्महत्या कर लेते हैं। तिल्ली के पिता को भी सूखा की समस्या का सामना करना पड़ रहा है और इस समस्या से निपटने के लिए भारी ऋण के तहत उसने अपनी खेती में कुछ नई तकनीकों को शामिल करने का फैसला किया है, लेकिन इसमें उनकी पत्नी की मंजूरी नहीं है।
तिल्ली की मां हमेशा तिल्ली के पिता को खेती छोड़ने और मजदूरी का कार्य शुरू करने के लिए प्रेरित करती है, ताकि उनकी एक निश्चित आय सुनिश्चित हो। तिल्ली गांव के डाकिया से भी जुड़ा हुआ है, लेकिन उस पोस्टमैन को अपनी नौकरी पसंद नहीं है, क्योंकि उसे ग्रामीणों के घर के लिए बैंक के नोटिस देना पड़ता है, जो बैंक के ऋण पर चूक करता है। गांव वालों में से एक भोला, डाकिया को अपने बेटे की मौत के लिए जवाबदेह बनाता है, क्योंकि बैंक नोटिस पढ़ने के बाद उसके बेटे ने आत्महत्या कर ली थी। भोला अपने बेटे की मौत के बाद मानसिक रूप से अस्थिर हो गया है। वह हमेशा इस डाकिया के रास्ते को रोकता है और यह सुनिश्चित करता है कि वह गांव में और अधिक नोटिस नहीं दे पाए। भोला ग्रामीणों के घरों से सभी रस्सियों और कीटनाशकों को चुरा लेता है, ताकि कोई भी अपने आप को मारने का प्रयास न कर सके।
तिल्ली भोला से भी जुड़ा हुआ है और अक्सर चौपाल में उनके साथ बैठता है। कभी-कभी वे एक साथ पोस्टमैन को परेशान करने के लिए टीम-अप करते हैं। कहानी के इस बिंदु पर तिल्ली इसलिए बेहद परेशान है, क्योंकि उसे आशंका है कि उसके पिता भी आत्महत्या कर सकते हैं। ऐसे में वह भोला की मदद से अपने पिता को बचाने की कोशिश करता है। पिता को खुदकुशी से बचाने के लिए वह घर में रखी सारी रस्सियां गायब कर देता है। यहां तक कि वह अपने झूले को भी जला देता है। तो क्या तिल्ली अपने पिता को बचा सकता है?
आनंद कुमार प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड के बैनर के अंतर्गत बनी ‘तिल्ली’ की रिलीज डेट जल्द घोषित की जाएगी। खास बात यह है कि फिल्म के निर्माता आनंद कुमार फिल्म से हुई लाभ का 50% हिस्सा उन किसानों के बच्चों को समर्पित करेंगे, जिन्होंने आत्महत्या के माध्यम से अपने पिता को खो दिया है।