लोकेशन :- आउटर जिला, दिल्ली।
रिपोर्ट : प्रभाकर राणा
देश की राजधानी दिल्ली की आउटर जिला पुलिस को मिली एक बड़ी कामयाबी, दिल्ली के एक बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स शोरूम की चेन के कारोबारी की अपहरण की गुत्थी को महज 36 घंटो से भी कम समय मे सुलझाकर न सिर्फ कारोबारी को बदमाशो के चुंगल से सकुशल छुड़ाया बल्कि अपहरणकर्ताओं को भी मौके से धर दबोचा। पांच करोड़ की मांगी गई थी फिरौती । फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है।
पुलिस की गिरफ्त में खड़े ये दोनों लोग भले ही सीधे साधे दिखाई दे रहे हों लेकिन आज जिस जुर्म के लिए इन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया है उसे सुनकर कोई भी दांतो तले उंगली दबा ले। आपको बता दें कि दिल्ली की आउटर जिला पुलिस के स्पेशल स्टाफ की टीम ने इन दोनों को दिल्ली के इलेक्ट्रॉनिकस के एक नामी कारोबारी की किडनेपिंग के आरोप में रंगे हाथों पकड़ा है और इनके कब्जे से 28 वर्षीय कारोबारी सौरभ को सकुशल छुड़वा लिया। मामले की जानकारी देते हुए बाहरी जिला के डीसीपी ने बताया कि बीते शनिवार की रात को कारोबारी अपने शोरूम से अपनी Honda City कार से अपने घर के निकले निकले और देर रात तक अपने घर नहीं पहुंचे । जिसके बाद कारोबारी के परिवार ने पुलिस को उनकी गुमशुदगी की सूचना दी जिसके बाद अगले दिन सुबह कारोबारी के फोन से ही उनके परिवार को फोन आया और उन्हें बताया गया कि कारोबारी का अपहरण कर लिया गया है जिसके बाद अपहरणकर्ताओं ने परिवार से पीड़ित को छोड़ने की एवज में 5 करोड रुपए की फिरौती की मांग की।
अपहरणकर्ताओं ने रविवार होने के कारण कारोबारी के परिवार को सोमवार तक का समय दिया। जिसके बाद बदमाश लगातार पीड़ित के परिवार को उसी के फोन से कॉल कर बातचीत कर रहे थे और कारोबारी को जान से मारने की धमकी देते हुए पुलिस को सूचना ना देने की बात कह रहे थे जिसके बाद मामले की गंभीरता को समझते हुए आउटर जिले की स्पेशल स्टाफ की टीम को कारोबारी को सकुशल बचाने का जिम्मा सौंपा गया जिसके बाद टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर ऐसी एसीपी ऑपरेशन सेल के सुपरविजन में इंस्पेक्टर सुखबीर मलिक सब इंस्पेक्टर कमलेश मीणा, SI प्रहलाद, वूमेन SI नीशू, ASI राजबीर, ASI संजय, हेडकांस्टेबल धर्मेंद्र व कॉन्स्टेबल सुनील, हनुमान और राजेन्द्र आदि की टीम ने रेड कर कारोबारी को निलोठि इलाके के एक मकान से बदमाशो के कब्जे से बरामद कर लिया और अपहरण के दोनों आरोपी सतनाम ओर मनीष को भी मौके से ही धर दबोचा।
वारदात के महल 36 घंटे से भी कम समय में जिस तरह से पुलिस में मैं सिर्फ कारोबारी को बदमाशों को छुड़ाकर अपहरण कर्ताओ को गिरफ्तार किया वो सच मे काबिले तारीफ है, जिसके बाद खुद कारोबारी सौरभ और उनके परिवार ने पुलिस का शुक्रियादा किया। और अब कारोबारी के परिवार में भी खुशी की लहर है। पीड़ित ने खुद अपनी आप बीती बयान की किस तरह से अपहरणकर्ताओं ने गन पॉइंट पर उन्हें बीच रास्ते से अगवा किया और एक कमरे में ले गए।
जिले के कप्तान साहब ने बताया कि बताया कि बदमाशों ने पुलिस को चकमा देने के लिए पीड़ित कारोबारी की कार की नम्बर प्लेट बदल कर सड़क किनारे खड़ा कर दिया है। और गिरफ्तार किए गए दोनों ही लोगो की अभी तक कोई प्रीवियस इन्वॉल्वमेंट नही मिली है, कारोबारी की अपहरण की साजिश के लिए इन्होंने पहले से रेकी की थी और निलोठि इलाके में एक कमरा करीब 15 दिन पहले ही किराये पर लिया था। गिरफ्तार किए गए आरोपी में मनीष ने करीब 4 साल पहले कारोबारी के एक गोदाम में काम किया था, और पैसे की तंगी ओर जल्दी पैसा कमाने की चाहत के चलते इन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया, लेकिन इनकी इस योजना को पुलिस ने सफल होने से विफल कर दिया।
बरहाल पुलिस ने अपहरण की इस बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है, जिसे पुलिस एक बड़ी कामियाबी मान रही है, और मामला दर्ज कर आगे की तफ्तीश में जुट गई है। लेकिन जिस तरह से दिल्ली में जुर्म का ग्राफ बढ़ता जा रहा है, वो भी सच मे बहुत ही गंभीर मुद्दा है।