और ना ही गलियां बनी गलियां बनी
कॉलोनी में लोग बिजली ना होने के कारण दूसरे गांव में जाते हैं मोबाइल चार्ज करवाने
पांच रुपये प्रति घंटा देकर करवाते हैं मोबाइल की बैटरी चार्ज ।
1976 से बसी है दिल्ली की यह कॉलोनी यह कॉलोनी।
दिल्ली की नरेला विधानसभा में इंदिरा गांधी द्वारा बसाई गई थी ये कॉलोनी।
100 से ज्यादा परिवार रहते हैं इस कॉलोनी में।
बिजली पानी न होने से नही बढ़ी है कालोनी में जनसंख्या।
Youtube Link..
..
दिल्ली के नरेला विधानसभा में भोरगढ़ गांव में भोरगढ़ गांव में भोरगढ़ फाटक के पास रजापुर कला नाम से एक कॉलोनी बसी हुई है। कॉलोनी में 100 से ज्यादा घर है जिन्हें इंदिरा आवास योजना के तहत 1976 में बसाया गया था ।
इस दौर में कई सरकारें आई और गई लेकिन यहां सुविधाएं किसी भी सरकार ने नहीं दी। कॉलोनी में आप देख सकते हैं कितनी गंदगी है, कच्ची गलियां है न ही नालियां बनी है और न ही बिजली आई। यहां के लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर है । यहां विधायक आम आदमी पार्टी से शरद चौहान है। इससे पहले दूसरी पार्टियों के विधायक भी विधानसभा में रहे हैं पर किसी ने इस कॉलोनी की सुध नहीं ली।
आपको बता दें यह कॉलोनी अवैध नहीं है बल्कि वैध कॉलोनी और खेतों में भी आजकल बिजली की लाइनें पहुंच चुकी है लेकिन यहां न बिजली मिली न सड़कें गलियां मिली। इन लोगों का कहना है कि यहां वोट बैंक बैंक बैंक कम है इसलिए उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं देता।
आज भी बच्चे मोमबत्ती जलाकर रात में पढ़ते हैं और यहां के गरीब लोगों को मोबाइल की बैटरी चार्ज करने के लिए पास के भोरगढ़ गांव में जाना पड़ता है। ये लोग दस रुपये में मोबाइल चार्ज करवा कर लाते हैं जहा 2 घण्टे इंतजार करना पड़ता है ।
FB link .. Video of this news
https://www.facebook.com/137463553478729/posts/560537474504666/
…
यहां इतने दशक बाद अब बिजली के पोल लगाए गए लेकिन इन लोगों को लोगों को कनेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं क्योंकि यहां ट्रांसफार्मर लगाने की जगह नहीं मिली। कॉलोनी के किनारे पर यदि ट्रांसफार्मर पर यदि ट्रांसफार्मर लगाते हैं तो डीडीए के प्लॉट है जहां डीडीए से एनओसी नहीं मिल पा रही है इसलिए ट्रांसफार्मर भी नहीं लगा।
गलियां और नाली के बारे में जब स्थानीय विधायक से संपर्क किया तो स्थानीय विधायक तो नहीं मिले लेकिन नरेला विधान सभा के संगठन मंत्री ने विधायक की तरफ से अपना पक्ष रखा। नरेला विधानसभा के संगठन मंत्री ने कहा कि कि मंत्री ने कहा कि कि इन लोगों की समस्या तो जेनुअन है । पूर्व सरकारों ने कुछ नहीं किया इस सरकार में इनके बिजली के कनेक्शन पास हो गए हैं जो लग नहीं पाए उसकी वजह है कि कोई भी शख्स अपने घर के पास गली में ट्रांसफार्मर नहीं लगने दे रहा।
साथ ही जब इनसे पूछा गया गली और नालियां बनाने में तो किसी की दूसरी सरकार की अनुमति नहीं लेनी थी तो वे क्यों नहीं बनी। इस पर संगठन मंत्री नगेंद्र प्रजापति ने बताया कि इस कॉलोनी के लोगों ने जो फाइल प्रपोजल बनाकर दिया था वह भोरगढ़ की एक कॉलोनी के नाम से दिया लेकिन वह इंदिरा आवास योजना की किसी भी कॉलोनी में रिकॉर्ड नहीं मिला और फाइल रिजेक्ट हो गई।
बाद में फाइल की तफ्तीश की गई तो पता चला कि इस गांव कॉलोनी का नाम भोरगढ़ की रजापुर कॉलोनी नहीं बल्कि रजापुर कला गांव झटपट कॉलोनी है । अब दोबारा इस कॉलोनी के नाम से फाइल गई हुई है और अगले 10 से 15 दिन में फाइल पास हो जाएगी ।
खास बात यह है कि इस सरकार को भी 5 साल बीत गए आज तक इस कॉलोनी की सुध नहीं ली तो अगले 2 महीने में चुनाव होने हैं तो भला उससे पहले कैसे कोई सुध लेगा। इन लोगों को यह भी एक दिलासा ही लग रहा है क्योंकि इससे पहले भी इन्हें दिलासा ही मिली है
फिलहाल इस तरह की व्यवस्था देश की राजधानी में मिलना वास्तव में शर्मसार करने वाला है ।