प्रेस रिलीज
दिल्ली सरकार के सरकारी अस्पतालों में नहीं है रेबीज के टीके, बड़ी संख्या में आवारा कुत्तों द्वारा काटे गए दिल्ली के गरीब लोग एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में लगा रहे हैं चक्कर : शैलेंद्र कुमार
BJP का निगम आवारा कुत्तों को हटा नही रहा और कुत्ते काट ले तो दिल्ली सरकार के पास रेबीज के टीके नही : शैलेन्द्र कुमार
AA News
नई दिल्ली (बुराड़ी)
दिल्ली सरकार बड़े बड़े दावे करती है कि उसने सरकारी अस्पतालों का कायाकल्प कर दिया है दिल्ली के अस्पताल देखने का न्यौता हरियाणा के अलग-अलग शहरों में जाकर खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री देते थे लेकिन जमीनी हकीकत क्या है इसे आप देखना चाहते हैं तो आपको दिल्ली में आकर देखना होगा और उन गरीब लोगों से बात करनी होगी जिन्हें आवारा कुत्तों या बंदरों द्वारा काट लिया गया है । पहले इस तरह के टीके हर अस्पताल में मिलते थे और गरीब लोग अपना इलाज करवा लेते थे । अब दिल्ली में कोई आवारा कुत्ता और बंदर के काटे जाने का शिकार पीड़ित शख्स अस्पताल में जाता है तो वहां रेबीज के टीके नहीं मिलते फिर वह दूसरे सरकारी अस्पताल में जाता है फिर वह कहीं दूर तीसरे सरकारी अस्पताल में जाता है बाद में पता चलता है कि दिल्ली के किसी भी सरकारी अस्पताल में रेबीज का टीका नहीं है।
इस जद्दोजहद के बाद काफी लोग क्योंकि रेबीज का लक्षण उसी वक्त नहीं होता उसका असर कई साल बाद भी होता है, कई साल बाद भी रेबीज इंसान की जान ले लेता है जिस टाइम आवारा कुत्ते ने काटा उसी वक्त उसका असर नहीं होने के कारण लोग इसे ढिलाई में ले लेते हैं और दिल्ली के ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्हें रेबीज का टीका नहीं मिला तो उन्होंने कहा कि हमें कुछ हुआ वे उस घाव पर पट्टी बांधकर उस घाव ठीक कर आराम से घूम रहे हैं और उन्होंने रेबीज का टीका नहीं लगवाया । अब इंसानों की जिंदगी के साथ इससे बड़ा खिलवाड़ क्या हो सकता है।
अपने राज्य के लोगों को हेल्थ और शिक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है कि हर हाल में यह दोनों चीजें उसे दें और यह चीजें भी दिल्ली सरकार नहीं दे पा रही है। इन दोनों पर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं शिक्षा में भी बच्चों को स्कूलों में जगह नहीं है दाखिला नहीं मिल रहा है लेकिन यहां बात हम अस्पतालों की कर रहे हैं तो उसी मुद्दे पर आते हैं । यदि बात करें बुराड़ी विधानसभा के डीसीएम कॉलोनी में रहने वाली 70 साल की बुजुर्ग महिला की जिनको नत्थूपुरा में आवारा कुत्ते ने काट लिया यह बुजुर्ग महिला डीसीएम कॉलोनी में इब्राहिमपुर के निगम स्कूल के पास की ही रहने वाली है । 70 साल से ज्यादा की बुजुर्ग महिला सबसे पहले बाबू जगजीवन अस्पताल में गई वहां कुत्ते के काटे जाने पर लगने वाला रेबीज का टीका नहीं मिला तो तीन गाड़ियां बदलकर वह वापिस घर बुजुर्ग महिला आई । तब किसी ने उन्हें प्राइवेट से इस तरह का टीका लगवाने की सलाह दी तो इस बुजुर्ग महिला ने एक मेडिकल स्टोर से 450 रुपये में रेबीज का टीका खरीदा उसके बाद 50 रुपये देकर किसी क्लीनिक में उस टीके को लगवाया। इस तरह 500 रुपये एक टीके पर खर्च हो गए और डॉक्टर ने बताया कि इस तरह के पांच और टीके लगवाने पड़ेगे। बाकी रेबीज के टीके उसे कुछ दिन के अंतर में लगवाना होगा।
बुजुर्ग महिला के पास इतने पैसे नहीं थे वह बेचारी डर गई उसके बाद उसने ठान ली कि अगले टीके वह सरकारी अस्पताल में ही लगाएगी दिल्ली के किसी भी कोने में क्यों न जाना पड़े।
अगले दिन 5 दिन बाद ये बुजुर्ग महिला इब्राहिमपुर से चलकर अलीपुर पहुंची फिर अलीपुर से दूसरी बस का इंतजार किया और उसमें सवार होकर नरेला के सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल पहुंची । वहां भी पता चला कि रेबीज के टीके नहीं है और वह घर आ गई। इसके बाद पड़ोस के लोगों ने बताया कि रोहिणी में भी इस तरह के दिल्ली सरकार के अस्पताल है । फिर यह महिला दोपहर बाद पहुंच गई दिल्ली के रोहिणी में वहां भी रेबीज का टीका नहीं मिला। हार थक्कर महिला वापस घर आई।
उम्र भी इनकी 70 साल से ज्यादा थी इन्हें तेज बुखार हो गया एक तो रेबीज का खतरा ऊपर से यह महिला कई दिन से बीमार है।
यह तो एक उदाहरण है आप दिल्ली की किसी भी कॉलोनी में पता करेंगे तो एक दो लोग इस तरह के शिकार मिल जाएंगे और वे अस्पताल के चक्कर लगाते होंगे और टीके नहीं मिलते ।
ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बुराड़ी में मरीज ज्यादा है वहाँ के विधायक को न हो इन सब की जानकारी सभी को है क्योंकि मीडिया ने भी इस खबर को दिखाया है और कई समाचार पत्रों ने भी प्रकाशित किया है कि दिल्ली में रेबीज के टीके नहीं है लेकिन इसका कोई असर नहीं है।
शैलेंद्र कुमार ( दिल्ली प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष JDU ) ने कहा कि जल्दी इसका कोई समाधान दिल्ली सरकार नहीं करती तो वह जहांगीरपुरी के बाबू जगजीवन राम अस्पताल के आगे आमरण अनशन करेंगे। जब तक गरीबों को यह रेबीज का टीका उपलब्ध नहीं होगा अस्पताल में गरीबों के लिए रेबीज का टीका उपलब्ध नहीं होगा तब तक वह अपना अनशन नहीं खोलेंगे भले ही उनकी जान चली जाए।
शैलेंद्र कुमार ( दिल्ली प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष JDU ) ने कहा कि आवारा कुत्तों और जानवरों जानवरों को गलियों से हटाने का काम नगर निगम का है और नगर निगम में बीजेपी की सत्ता है लेकिन बीजेपी की सत्ता न तो आवारा पशुओं पर लगाम लगा पाई है न ही इन खतरनाक आवारा कुत्तों पर और इसी तरह लोग शिकार हो रहे हैं ।गरीब लोग दिल्ली नगर निगम की बीजेपी को कोस रहे हैं साथ ही कुत्ते के काटे जाने के बाद जब इन जब टीका नहीं मिलता तो वह दिल्ली सरकार को कोस रहे।
अब देखने वाली बात होगी कि दिल्ली सरकार कब इस सब की सुध लेती है या लोग इसी तरह परेशान होंगे । लेकिन जिस गली में और जिस घर में इस तरह की समस्या आई है शायद वह घर और गली भविष्य में केजरीवाल सरकार को वोट नहीं देगा।