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Delhi
Report : #Anil_Kumar_Attri
देश की राजधानी दिल्ली में कुछ शर्तों के साथ दीपावली पर पटाखे लगाने के बैन को हटा दिया है। अब लोग दिवाली के दिन शाम के 8:00 से 10:00 बजे तक पटाखे जला पाएंगे साथ ही यह भी सुनिश्चित किया है कोर्ट ने कि यह पटाखे केवल लाइसेंस धारी दुकानदार ही बेच सकेंगे। पटाखे बेचने का लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा । पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर बैन लगा दिया गया है। दिल्ली के सबसे बड़ी पटाखे की थोक मार्केट जामा मस्जिद मार्केट पर दुकानदारों से इस बारे में बात की गई तो उन में खुशी की लहर थी। दुकानदारों का कहना था कि पिछली बार का भी काफी स्टॉक जमा है उसको भी बेच पाएंगे। साथ ही कोर्ट के आदेश के बाद दुकानदारों का कहना है कि कोर्ट के आदेश से लोगों में यह मैसेज जाएगा और लोग पटाखे खरीद कर खुशी मनाएंगे।
ये है दिल्ली के जामा मस्जिद के पास पटाखा बाजार। यहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तुरंत बाद पटाखे खरीदने वालों की भीड़ लग गई है । यहां अभी दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से दुकानदारों ने पटाखे खरीदने के लिए आना शुरू कर दिया है। जिन दुकानदारों ने पहले से यहां थोक में बेचने के लिए पटाखे खरीदे हुए थे उनमें खुशी की लहर है। सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने वाले पटाखों के उत्पादन एवं बिक्री की अनुमति दी है, जिनसे देशभर में कम उत्सर्जन होगा। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन बाद ही दिवाली का त्योहार है। दिवाली पर पटाखे फोड़ने के लिए कोर्ट ने टाइम भी तय किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक दिवाली पर शाम 8 से 10 बजे तक ही पटाखे फोड़े जा सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाजार में केवल मानक डेसीबल ध्वनि सीमा वाले पटाखों की बिक्री को ही अनुमति मिलेगी। शीर्ष अदालत ने साथ ही केंद्र से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दीपावली एवं अन्य त्योहारों के दौरान सामुदायिक स्तर पर पटाखे छोड़े जाने को प्रोत्साहन देने के लिए कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यों को त्योहारों के दौरान सामुदायिक रूप से पटाखे छोड़े जाने की कोशिशों पर विचार करने का निर्देश दिया।
SC ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-21 (जीवन के अधिकार) सभी वर्ग के लोगों पर लागू होता है और पटाखों पर देशव्यापी प्रतिबंध पर विचार करते समय संतुलन बरकरार रखने की जरूरत है। कोर्ट ने केंद्र से प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए उपाय सुझाने और यह बताने को कहा था कि पटाखे पर प्रतिबंध लगाने से व्यापक रूप से जनता पर क्या प्रस्ताव पड़ेगा।
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