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Delhi
अनिल अत्री ।
इन अनफिट गाड़ियों से कभी भी हो सकता है हादसा। दिल्ली में एंबुलेंस की गाड़ियां बिना फिटनेस के चल रही है। एक-दो नहीं करीब 50 एंबुलेंस की गाड़ियां बिना फिटनेस के चल रही है। इस तरह की बात जब ट्रैफिक पुलिस के संज्ञान में आई तो नरेला एरिया में ट्रैफिक पुलिस ने एक एंबुलेंस के कागजात चेक करने चाहे तो एंबुलेंस के कर्मचारियों के पास गाड़ी के कागजात ही नहीं थे। एंबुलेंस के कर्मचारियों ने पुलिसिया बयान में बताया कि उनकी गाड़ियों का कोई फिटनेस आदि उनकी तरफ से नहीं है पुलिस ने फिर भी क्रॉस चेक किया और उस अथॉरिटी से पता किया तो पता चला कि उस एंबुलेंस का फिटनेस सर्टिफिकेट ही नहीं है एंबुलेंस अनफिट है। उसका फिटनेस सर्टिफिकेट ही नहीं लिया गया इसका मतलब एंबुलेंस को अनफिट ही है । किसी भी वक्त एंबुलेंस में दुर्घटना भी हो सकती है इस तरह की एक एंबुलेंस को दिल्ली पुलिस ने पकड़ा और भी कई तरह की एंबुलेंस दिल्ली में घूम रही है । सूत्रों की माने तो करीब 50 एंबुलेंस की फिटनेस खत्म हो चुकी है। इस एंबुलेंस के पास न तो पॉल्यूशन के कागजात मिले और न ही फिटनेस के कागजात।
इस बारे में जब ट्रैफिक पुलिस में ड्राइवर से बात की तो उन्होंने कहा कि उनके पास कागजात नहीं है ।
पारदर्शिता के दावे करने वाली दिल्ली सरकार खुद कितनी मुस्तैद है यह इस बात से साफ हो जाता है। कैट्स एंबुलेंस को दिल्ली की लाइफलाइन माना जाता है अबे कैट्स एंबुलेंस सेवा देने वाली BVG कंपनी पर लगातार सवाल उठ रहे हैं कि सर्टिफिकेट की अवधि खत्म होने के बाद क्यों नहीं फिटनेस सर्टिफिकेट द्वारा बनवाए गए। गाड़ियों की जांच क्यों नहीं करवाई गई ? यह सब दिल्ली के सभी जोन का हाल है। दिल्ली में सभी व्यावसायिक वाहनों को दिल्ली के बुराड़ी में स्थित है ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी से फिटनेस प्रमाण पत्र लेना होता है जब वह गाड़ी फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए फिटनेस में खरी उतरती है और प्रमाण पत्र मिलता है तभी सड़क पर चलती है। यहां सरकारी एंबुलेंस इसका धड़ल्ले से उल्लंघन कर रही है एंबुलेंस के अंदर सीरियस मरीज आते हैं जिनके जिंदगी की एक एक मिनट बहुत वैल्यूएबल होती है कहीं बाहर थोड़ी सी भी देरी होने पर मरीज की मौत हो जाती है यदि इस तरह की अनफिट एंबुलेंस में मरीज जाएगा तो कैसे जिंदगी बच पायेगी। ऐसी एंबुलेंस कहीं भी खराब हो सकती है खड़ी हो सकती है दुर्घटना का शिकार हो सकती है। जरूरत है कम से कम एंबुलेंस को दिल्ली सरकार पूरी तरह से फिट रखे। अब देखने वाली बात होगी कि दिल्ली सरकार इस मामले पर क्या कार्रवाई करती है ।