AA News
New Delhi
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कहते है कि जो भी इस दुनिया में आता है उस शख्स में भगवान कोई ना कोई गुण जरूर देकर भेजता है। फिर चाहे वो कोई भी हो। जो लोग नेत्रहीन हैं उनके लिए समाज के कुछ लोगों ने एक अलग ही सोच बना रखी है। पर दिल्ली के एक प्रोग्राम ने ये साबित कर दिया कि दिव्यांग भी किसी से कम नहीं है। और वो हर चीज में सबसे आगे है।
पढ़ने और लिखने के लिए दूसरों पर निर्भर होना शिक्षा, रोजगार और स्वतंत्र जीवन जीने के तरीके में सबसे बड़ी बाधा है, खासकर कम दृष्टि वाले लोगों के मामले में। बीजेपी जब सत्ता में आई तो वह भारत को डिजिटल इंडिया बनाने की ठान कर आई थी। इसी को मद्दे नजर रखते हुए डेज़ी कंसोर्टियम ने सिंपली रीडिंग एप बनाई। जिससे उन लोगों को सहारा मिल सके जो कि आंखों की रोशनी ना होने की वजह से पढ़ नहीं सकते। इस ऐप का लॉन्च 2 मई 2018 को सिंप्ली रीडिंग विदाउट सीयिंग सेमिनार के दौरान नेशनल हैबिटेट सेंटर में मुख्य अतिथि के हाथों की गई। सेमिनार में जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर और दिल्ली के पूर्व राज्यपाल जगमोहन ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की, कार्यक्रम में बाल भवन के बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स देकर मोजूद अतिथिगण को सम्मानित किया गया।
डेज़ी कंसोर्टियम के सीईओ रिचर्ड ऑर्मे ने बताया कि ये एक ऐसा एप है जिसे बहुत आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं स्सटेनेबिलिटी ऑफ इंडिया की हेड करुणा भाटिया ने कहा कि सीयिंग इस बीलीविंग का इस साल पूरे 15 साल हो जाएंगे। इस प्रोजेक्ट से मुझे बहुत खुशी है और डेज़ी कंसोर्टियम को इस काम के लिए बधाई देना चाहती हूं।