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नई दिल्ली
समाजसेवी पीयूष पंडित ने आत्मनिर्भरता पर जोर दिया और बताया कि समाज को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है और इसी दिशा में यह अपने संगठनों के माध्यम से काम कर रहे हैं जिनके परिणाम भी काफी बड़े आ रहे हैं। इसके परिणाम स्वरुप बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिल रहा है। समाजसेवी पीयूष पंडित ने बताया कि 2004 में जब वह स्नातक की पढ़ाई कर रहे थे उस वक्त उनके पिताजी एक NGO चलाते थे। इनके पिताजी पंडित देवी प्रसाद शुक्ल उस वक्त के काफी जाने-माने समाजसेवी थे जो आजकल लोगों को धर्म और अध्यात्म के साथ-साथ स्वालंबन की शिक्षा देते हैं। 2004 में उन्होंने “मानव मंदिर सेवा समिति’ नाम का संगठन बनाया जो लोगों की सेवा करता था। हर मानव को उन्होंने मंदिर का रुप दिया और माना कि मानव का हृदय ही मंदिर है।
सबसे पहले उन्होंने महिलाओं के लिए कार्य किया सिलाई सेंटर खुलवाए । अकेले दिल्ली प्रदेश में आज उनके द्वारा चलाए गए सिलाई सेंटरों की संख्या 100 से ज्यादा है। सन 2008 से यह सब जिम्मेदारी पंडित पीयूष पर आ गई । आज की डेट में भी चेक किया जाए तो ढाई सौ से ज्यादा सिलाई सेंटर इस संस्था के द्वारा देशभर में चलाए जा रहे हैं। पोलियो से पीड़ित मरीजों की हेल्प और इलाज देवी प्रसाद जी की NGO के माध्यम से किया जाता था। साथ ही कई समसामयिक मुद्दे उठाने शुरू किए ।
पीयूष पंडित की संस्था के माध्यम से एक लाख से ज्यादा बच्चों ने ट्रेनिंग ली है। डिजिटल इंडिया का सपना जो आज भारत में जोर-शोर से देखा जा रहा है इसकी शुरुआत पीयूष पंडित ने 2009 में ही कर दी थी और यह प्रोग्राम 2009 से अब तक चलता रहा है। इनकी कई योजनाएं और कार्य पीयूष पंडित ने बताये वो सब आप पंडित जी से उनकी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुनिए
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