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New Delhi
रिपोर्ट — अनिल कुमार अत्तरी
दिल्ली के नंगली पूना से इब्राहिमपुर बुराड़ी को जोड़ने वाला रोड जो वाया कादीपुर आता है पिछले 11 दिन से बंद है। खेड़ा , सिरसपुर , रोहिणी की तरफ से आने वाले हजारों व्हीकल यहां पहुंचते हैं लेकिन बीच में पुल का निर्माण कार्य शुरु हो चुका है पुल के पास से जो वैकल्पिक रास्ता बनाया गया था वह पिछले 11 दिन से निर्माण कार्य के कारण बंद है। लेकिन पुल के निर्माण कार्य से पहले जो सड़क से 2 किलोमीटर पहले डायवर्जन दिए जा सकते हैं वहां किसी तरह के बोर्ड नहीं लगाए गए हैं न ही संकेत कोई दूसरे संकेत दिए गए कि आगे पुल के निर्माण के कारण यह सड़क बंद है। सैकड़ों गाड़ियां हर रोज नंगली कादीपुर सड़क पर बन रहे इस पुल तक आती है पुल के पास रास्ता बंद मिलने पर गाड़ियों को मुड़कर वापिस जाना पड़ता है। दो से करीब तीन किलोमीटर बाद दूसरे रास्ते से गाड़ियों को घुमाकर ले जाना पड़ता है लेकिन 2 किलोमीटर पहले यदि संकेत लगा दिया जाए तो यहां तक कोई न आये । हर रोज गाड़ियों का 2 से 3 किलोमीटर जाना और आना 5 से 6 किलोमीटर की दूरी बच सकती है लेकिन जो कंपनी पुल का निर्माण कर रही है ऐसा कोई संकेत नहीं लगाया है और साथ ही बता दे कि यहां इसका निर्माण कार्य भी जून 2017 में पूरा हो जाना था लेकिन जनवरी 2018 में भी देखिए इसकी सिर्फ बुनियाद का ही काम अभी तक चल रहा है। लगता नहीं कि 2018 में भी यह काम पूरा हो पाएगा ।
यहां का ये वीडियो देखें और परेशान लोगो की सूने
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यहां कार और बड़ी गाड़ियों का आना-जाना पूरी तरह से बंद हो चुका है सिर्फ दो पहिया वाहन ही मुश्किल से निकल पा रहे हैं । जरूरत है प्रशासन इस काम पर ध्यान दें यहां पर पूल का ठेका लेने वाली कंपनी कहीं ना कहीं दिल्ली सरकार के आदेशों का नियमों का पालन नहीं कर रही है इससे पारदर्शिता का दावा करने वाली, नियमों का पालन करवाने वाली दिल्ली सरकार पर भी सवाल खड़े होते हैं क्यों नहीं पुल के निर्माण में नियमों का पालन न करने वाली कंपनी पर केजरीवाल सरकार कार्रवाई करती। फिलहाल यहां पर हर रोज सैकड़ों गाड़ियां आती है जिन्हें वापस इसी तरह लोटना पड़ता है जिससे देश का महीने में इस लिहाज से कई हजार लीटर पेट्रोल इस पुल के पहले संकेत न देने पर जल जाएगा। कहीं ना कहीं देश में पेट्रोल की बचत करनी है तो अकेले स्पीड ब्रेकरों पर सवाल खड़े करने से काम नहीं चलेगा इस तरह के निर्माण कार्य है जिनके कई किलोमीटर पास आने पर पता चलता है कि रास्ता बंद है पहले से जहां से दूसरा रास्ता ले सकते हैं वहीं पर इस तरह के संकेत क्यों नहीं लगाए जाते ।
यदि इस तरह के नियम है तो उनका पालन क्यों नहीं किया जाता यह सब सवाल यहां नंगली पूना गंदे नाले के ऊपर बन रहे इस पुल पर खड़े होते हैं।
फिलहाल अभी तक यहां पर कोई ऐसा बोर्ड या दीवार पर संकेत या सूचना दोनों तरफ ही नहीं लगाई गई है।
नंगली के नेशनल हाईवे पर फ्लाईओवर के पास से ये रास्ता शुरू होता है वहां पर भी ऐसी सूचना लगाई गई है और ना ही बुराड़ी से लगे के इब्राहिमपुर के कट पर ऐसी सूचना नही ।
फिलहाल यह सड़क बंद है और यहां डीटीसी बस जो इब्राहिमपुर से चलती थी वह डीटीसी बस जाने का रास्ता बंद हो चुका है। बस की आवाजाही भी बंद हो गई है जिस से कई गांवों के लोग बेहद परेशान है और लगता है 2018 तक यदि यह पूल 2018 में भी यह फूल नहीं बना तो एक साल तक लोगों को डीटीसी बस नही मिलेगी ।
डीटीसी बस के बिना यहां किसी दूसरे विकल्पों से यात्रा करनी पड़ेगी पर दूसरे निजी पब्लिक के ट्रांसपोर्ट जो चलती थी वह भी बंद हो चुकी है क्योंकि पूल निर्माण के कारण सड़क का रास्ता बंद कर दिया गया है इससे कादीपुर , नगली , इब्राहिमपुर , स्वरूप नगर , केशवनगर , डीसीएम कॉलोनी , कुशक नंबर 2 और एक , मुखमेलपुर , सिरसपुर , खेड़ा , बुराड़ी , कौशिक एंक्लेव , प्रदीप बिहार , नत्थू कॉलोनी , कादी विहार , स्वरूप विहार , प्रेम नगर कॉलोनी और भी दर्जनों कालोनियां हैं जो इस सड़क से हर रोज आवागमन करती है। इसलिए रास्ता बंद होने से हजारो लोग बहुत परेशान है और यहां सरकारी विभाग के कर्मचारी और अधिकारी भी इस ठेकेदार पर कोई कारवाई नहीं कर रहे हैं । न ही ऐसा निर्देश दे रहे हैं जिससे नियमों का पालन करें आम आदमी पार्टी भले ही नियमों का पालन करवाने वाली सरकार का दावा करें लेकिन यहां पर सब दावों की पोल खोलती नजर आ रही है क्योंकि यहां पर जो सैकड़ों गाड़ियों में हजारों लोग हर रोज वापस मुड़कर जाते हैं वे सब आम आदमी पार्टी की सरकार को कोसते हुए ही जाते हैं क्योंकि यह निर्माण का कार्य दिल्ली सरकार के विभाग के नाले पर है और लोग भी समझते हैं कि यह दिल्ली सरकार का कार्य है और इतनी बड़ी लापरवाही यहां पर निजी कंपनी कर रही है क्यों नहीं केजरीवाल सरकार इस पर ध्यान देती लोगों की परेशानी जारी है और कंपनी की तरफ से कोई किसी तरह का संकेत या वैकल्पिक रास्ता तैयार नहीं किया जा रहा है।
यहां पर बता दे की यहां यदि कुछ जगह को मिट्टी को हटाकर रास्ता ठीक किया जाए तो रास्ता खुल भी सकता है मात्र 3 से 4 घंटे में चलने लायक वैकल्पिक रास्ता हो सकता है लेकिन यह जहमत भी यहां पर निजी कंपनी नहीं उठा रही है क्योंकि अधिकारियों का इनके ऊपर कोई दबाव नजर नहीं आ रहा है। आपको यदि इस समस्या को उठाना पोल खोलना अच्छा लगा हो तो आपसे अनुरोध है इस पोस्ट के नीचे Facebook का आइकॉन है उस पर शेयर करें नीचे Twitter का भी आइकॉन है उस पर शेयर करें । साथ इसके लिंक को कॉपी करके आप सब जगह शेयर करें और YouTube पर भी आप AA News को सब्सक्राइब करें।