AA News
Singhu Border Delhi
वीडियो
स्मारक वीडियो
दिल्ली-पानीपत हाइवे पर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली पर्यटन विभाग का सुंदर व हरियाली से भरपूर गुरु तेगबहादुर मेमोरियल बना है। जनता इसका आनन्द टहलने और आराम करने के लिए प्रयोग कर सकती है। ये सार्वजनिक स्थल है और जनता के लिए ही बनाया गया है। आज डबल ए न्यूज़ पर इसके दर्शन करवाते है उससे पहले आपने अभी तक डबल ए न्यूज को सब्सक्राइब नही किया है तो सब्सक्राइब जरूर दबाये साथ मे लाइक और घण्टी का आइकॉन भी ।
गुरू तेग बहादुर मेमोरियल लोगों के आकर्षण का केंद्र है । इन दिनों भागदौड़ भरी जिंदगी में छुट्टी का दिन मनोरंजन के लिए सबसे अहम दिनों में से एक है। इस दिन लोग सैर सपाटे के लिए किसी खास पर्यटन स्थल, चिड़ियाघर, बोटिंग करने, पिकनिक स्पोट आदि जगहों पर जाते हैं। इनके साथ ही किसी न किसी स्मारक में भी परिवार सहित लोग छुट्टी के दिन का भरपूर आनंद ले सकते हैं। उत्तरी बाहरी दिल्ली के नरेला में स्थित गुरु तेग बहादुर स्मारक भी उन्हीं स्मारकों में से एक हैं। जो प्रदूषण भरी इलाकों से दूर खेतों के बीच एक बेहद ही खास पर्यटन स्थन के रूप में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
दिल्ली और हरियाणा बॉर्डर इलाके के सिंघु बार्डर के पास स्थित गुरू तेग बहादुर मेमोरियल का निर्माण दिल्ली सरकार द्वारा साल 2011 में किया गया था। विशेषतौर पर इस स्मारक का निर्माण सिक्खों के नोवें गुरु, गुरु तेग बहादुर के सम्मान में किया गया था। इस स्मारक की देखरेख पूरी तरह से दिल्ली सरकार की टूरिज्म विभाग करता है। इस स्मारक का निर्माण साढ़े ग्यारह एकड़ जमीन पर किया गया है। स्मारक के बीचों बीच एक 24 मीटर ऊंचा स्तंभ (पाइलन) है, जिसके नीचे की ओर की आधार पर लगी पंखुड़ियां गुरु और उनकी शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है और चारों ओर सी आकार के बने तीन वृत गुरु के तीन शिष्यों को सूचित करते हैं। इसके साथ ही 10 पत्थर के खंभे 10 सिख गुरुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
साउंड और लाइट शौ भी है आकर्षक का केंद्र-
दिन ढलते ही रात को इस स्मारक में साउंड और लाइट शौ का आकर्षण अपने आप में अद्भुत होता है। इस शौ का विषय है पंचत्तव। इसमें पांचों तत्व – पृथ्वी, आकाश, जल, वायु और अग्नि और अतुलनीय ऐतिहासिक व्यक्तित्व वाले गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि दी गई है। इस लाइट शौ की अवधि 26 मिनट की होती है। स्मारक के प्रबंधक सुधीर सोहबती के अनुसार इस शौ के लिए यहां लेटेस्ट और काफी महंगे तकनीकी उपकरण लगाएं गए हैं और उन्हें ओपरेट करने के लिए 16 प्रोजेक्टर लगाएं गए हैं। जिसकी वजह से यह शौ काफी बेहतरीन होती है।
– यहां पिकनिक के लिए काफी बड़ा घास का मैदान है।
– सम्मेलन कमरा भी उपलब्ध है। जिसमें 100 करीब लोग बैठ सकते हैं।
– केफेटेरिया भी है उपलब्ध लेकिन इन दिनों आपको खाना साथ लेकर आना होगा । साथ लाये गए खाने पर कोई पाबंदी नही है ।
कार्यक्रम आयोजित करने के लिए हॉल की भी है सुविधा है जिसका उपयोग आप पहले बुकिंग करके कर सकते हैं ।
धार्मिक कार्यक्रम आयोजन के लिए है ये बेहतरीन जगह है पर यहां शराब , नशा आदि का उपयोग नही कर सकते है साथ ही गैर सामाजिक कार्यो पर भी पाबंदी है जिनपर गार्ड्स नज़र रखते है। यहां आप रुकते या टहलने आते है तो बाथरूम आदि सब सुविधाएं है । परिवार और छोटे बच्चो के साथ घूमने की ये बेहतरीन जगह है ।
देशी सहित विदेशी पर्यटकों का भी आकर्षण का केंद्र है ।
गुरु तेग बहादुर स्मारक स्थल दिल्ली-हरियाणा सीमावर्ती इलाके में स्थित होने के कारण यहां दिल्ली सहित हरियाणा और पंजाब के पर्यटकों भी घूमने आते हैं। मिली जानकारी के अनुसार यहां स्मारक विदेशी पर्यटकों के भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। विदेशी पर्यटक भी यहां काफी तादाद में घूमने आते हैं। इसके साथ ही स्कूलों की तरफ से आयोजित होने वाले टूर में दिल्ली सहित हरियाणा के भी कई स्कूली छात्रों को इस स्मारक स्थल के महत्वपूर्णता को बताने के लाया जाता है। शनिवार और रविवार को यहां 200 करीब सैलानी घूमने आते हैं और वहीं दूसरे दिनों में 60 करीब लोग आते हैं।
यहां का सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन जहांगीर पुरी मेट्रो स्टेशन है। यहां उतरकर डीटीसी रूट संख्या 131, 136, 175 और जीटी करनाल बाई पास से रूट संख्या 144 से सिंघु बॉर्डर पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा जो व्यक्ति निजी वाहन से आ सकते हैं। वह जीटी करनाल रोड (एनएच 1) के जरिए सिंघु बॉर्डर पहुंच सकते हैं।