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आम आदमी पार्टी के जिन विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया था उस मुद्दे पर की गई शिकायतों पर जांच के बाद चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए कई दौर की दोनों पक्षों को जानने के बाद आज आखिरकार चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता को रद्द कर दिया। यह आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है। ये सब वो विधायक हैं जो संसदीय सचिव बनाए गए थे। चुनाव आयोग ने इनको लाभ के पद के मामले में अयोग्य घोषित किया है। अब चुनाव आयोग अपनी रिपोर्ट देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजेगा अब सभी की नजरें राष्ट्रपति महोदय पर है जो इस मामले पर अंतिम मुहर लगाएंगे । राष्ट्रपति महोदय चुनाव आयोग के इस फैसले को आदेश को सही ठहराते हुए मोहर लगा देते हैं तो दिल्ली में इन 20 विधानसभाओं में उपचुनाव होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी को सतसठ सीटें मिली थी जिनमें से किसी ने पाला बदला ना तो किसी ने बगावत की कुछ संख्या कम जरूर हुई पर एक साथ 20 विधायकों की सदस्यता यदि रद्द होगी तो आम आदमी पार्टी की सरकार के लिए एक बड़ा झटका होगा।
शुरुआत में आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को लाभ के पद पर नोटिस भेजा गया था लेकिन पंजाब चुनाव के दौरान जरनैल सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था तो इनकी संख्या 20 रह गई थी। आप के 20 विधायकों की सदस्यता को चुनाव आयोग ने अपनी तरफ से रद्द कर अनुशंसा को राष्ट्रपति महोदय के पास भेज दिया है।
अजय माकन कोंग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा इस विडियो में सुनिए
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दरअसल लाभ के पद का हवाला देकर इस मामले में इन सदस्यों की सदस्यता भंग करने की याचिका डाली गई थी आम आदमी पार्टी इसे बार-बार राजनीति से प्रेरित बताती रही है इन 20 विधायकों में शरद कुमार चौहान नरेला विधानसभा से, संजीव झा बुराड़ी विधानसभा से, प्रवीण कुमार जंगपुरा से, आदर्श शास्त्री द्वारका से, मदनलाल कस्तूरबा नगर से , शिव चरण गोयल मोती नगर से, सरिता सिंह रोहतास नगर से , नरेश यादव महरौली से, राजेश गुप्ता वजीरपुर से, राजेश ऋषि जनकपुरी से, अनिल कुमार गांधीनगर से, सोमदत्त सदर बाजार, अवतार सिंह कालकाजी, विजेंद्र गर्ग राजेंद्र नगर से, कैलाश गहलोत नजफगढ़, अलका लांबा चांदनी चौक और मनोज कुमार कुंडली से, नितिन त्यागी लक्ष्मी नगर, सुखबीर सिंह मुंडका से विधायक इन 20 विधायकों में शामिल है।
दिल्ली सरकार ने 2015 में 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था इन को लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने काफी सवाल उठाए थे। कांग्रेस से अजय माकन इस मुद्दे को शुरू से उठाए हुए हैं। साथ ही इस मामले में प्रशांत पटेल नाम के एक एडवोकेट ने राष्ट्रपति महोदय के पास याचिका लगाकर आरोप लगाया था कि ये 21 विधायक लाभ के पद पर है इसलिए उनकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए। 21 विधायकों के इस मामले में शिकायत के बाद दिल्ली सरकार ने संशोधन करते हुए संसदीय सचिव के पद को लाभ से पद से छूट दिलाना चाहा जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नामंजूर कर दिया था। इसके बाद सभी 21 विधायकों की सदस्यता पर सवाल खड़े हो गए थे और तब से यह मामला चुनाव आयोग के दरवाजे पर था कई दौर की सुनवाई के बाद आज चुनाव आयोग ने सदस्यता आखिरकार रद्द कर दी।
जब राष्ट्रपति महोदय को इसकी शिकायत की गई थी तो राष्ट्रपति महोदय ने यह मामला चुनाव आयोग के पास भेजा और रिपोर्ट देने को बोला था जिसके बाद चुनाव आयोग ने जांच में आरोपों को सही पाया और राष्ट्रपति महोदय को अब लिखा है कि इन विधायकों की सदस्यता को रद्द किया जाए। अब आम आदमी पार्टी 20 विधायकों की सदस्यता को रद्द किए जाने के बाद चुनाव आयोग पर ही सवाल खड़े करते नजर आ रही है। फिलहाल इन 20 विधानसभाओं में दोबारा चुनाव होने की संभावना ज्यादा बढ़ गई है और अब तक के इतने लंबे कार्यकाल के बाद किसने अपने सड़कों को चमकाया कितनी गलियों को दुरुस्त किया यह सब लोग इस सब का जवाब लोग यदि उपचुनाव हुआ तो उसमें आम आदमी पार्टी को दे सकते हैं।
दरअसल बुराड़ी विधानसभा कि यदि बात की जाए तो यहां के विधायक संजीव झा भी संसदीय सचिव थे और इन 29 विधायकों में इनका भी नाम है इनकी सदस्यता रद्द हुई है यदि यहां पर दोबारा उपचुनाव हुआ तो यहां के लोग दूसरा ऑप्शन चुन सकते हैं। क्योंकि यहां लगने वाले जाम की तरफ कभी भी विधायक साहब ने ध्यान नही दिया , न ही कोई ऐसा उपाय किया जिससे बुराड़ी की जनता को हर रोज सुबह-शाम जाम से छुटकारा मिले। न ही सड़क को चौड़ा किया गया बल्कि एक डिवाइडर को कई बार बना दिया गया जिससे बनाने वाली कंपनियों और कहीं ना कहीं दूसरे लोगों को फायदा पहुंचा लेकिन सड़क को चौड़ा नहीं किया गया। इस मुख्य सड़क के कारण लोग बेहद परेशान है मेन रोड के हालात सुधरने की बजाए आम आदमी पार्टी की सरकार में बद से बदतर हो गये । पहले यह रोड निगम में था जब तक बल्कि इसकी हालत कुछ ठीक थी लेकिन जब से आम आदमी पार्टी की सरकार बनी और बुराड़ी सौ फूटा रोड को PWD के हवाले किया गया तो यहां हालात बिल्कुल खराब हो गए । यहां पर अतिक्रमण हटाने, पेड़ हटाने, बीच में सड़क के खड़े हुए खम्भे नही हटवाए गए लेकिन उससे पहले रोड के बीच में डिवाइडर बनाकर यहां दुर्घटनाओं को जरूर बढ़ा दिया है। फिलहाल यदि उपचुनाव हुआ तो दिल्ली में बुराड़ी विधानसभा की जनता इस बात का जवाब विधायक साहब से जरूर मांगेगी । साथ ही कई कालोनियां ऐसी है जिनमें अभी तक काम की शुरुआत नहीं हुई तो इन कालोनियों के लोग भी सोतेलेपन का आरोप माननीय विधायक पर लगा सकते हैं।
कुल मिलाकर उपचुनाव हुए तो डगर कठिन होगी ।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने भारत के चुनाव आयोग द्वारा आॅफिस आॅफ प्राॅफिट मामले में अभियुक्त आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को आयोग्य करार देने की सिफारिश करने के निर्णय का स्वागत किया है। यह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नैतिक हार और वह इसकी जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दें।
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Aam Aadmi Party approached Delhi High Court against Election Commission’s recommendation to disqualify their 20 MLAs in Office of Profit case.