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#Wajirabad_North_Delhi
उत्तरी दिल्ली के वजीराबाद में नगर निगम स्कूल के आगे लोगों ने किया प्रोटेस्ट। निगम के स्कूल के आगे लगाए आपसी भाईचारे के नारे। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने किया विरोध। स्कूल में धर्म के नाम पर बच्चों के अलग-अलग सेक्शन बनाने का चल रहा है विवाद। कांग्रेस ने इस मामले में प्रिंसिपल पर एफ आई आर की मांग की। वही पेरेंट्स दूसरा गुट भी सामने आया जिनका कहना था कि पेरेंट्स के कहने पर ही बच्चे कुछ वक्त तक अलग किये थे वजह बच्चो का झगड़ा था।
कुछ बच्चे मासाहार लेकर आते थे कुछ बच्चे शाकाहारी थे जब कुछ बच्चे मासाहारी लंच करते तो शाकाहारी बच्चो को उल्टियां हो जाती थी और बीमार भी हो जाते थे इसलिए मासाहारी और शाकाहारी हो अलग अलग कुछ वक्त बैठाने के लिए पेरेंट्स ने ही बोला था ।
वजीराबाद का यह वही स्कूल है जहां हिंदू और मुस्लिम बच्चों को धर्म के नाम पर अलग-अलग सेक्शन बना दिए गए। इस स्कूल में पांचवी तक के 17 सेक्शन है जिनमें से जिन्हें 9 सेक्शन Mix और 8 सेक्शन धर्म के नाम पर बना दिए गए, उन सेक्शन में केवल अपवाद के तौर पर एक या दो बच्चा दूसरे धर्म का था बाकी सारे बच्चे दूसरे धर्म के शामिल किए गए ।
जब इस बात की जानकारी कुछ पेरेंट्स को लगी तो इसका कल भी विरोध हुआ था और इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार और दूसरे शिक्षा विभाग ने भी जांच शुरू कर दी कहीं ना कहीं प्रिंसिपल की यह बड़ी लापरवाही है जिस की आलोचना की जा रही है। मासूम बच्चों को इस तरह धर्म के नाम पर बांटा गया इसका विरोध में स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं और कांग्रेस की निगम पार्षद ने भी जताया और स्कूल के गेट पर नारेबाजी की।
फिलहाल इस मुद्दे पर विवाद जारी है कि किस तरह से मासूम बच्चों को भी धर्म के नाम पर अलग अलग कर दिया गया। अब बच्चे भी इस तरह धर्म के नाम पर अलग अलग करने पर अपने दोस्त बिछड़ने का गम व्यक्त कर रहे हैं, जो सभी बच्चे एक साथ पढ़ते थे जिसमें हिंदू भी थे और मुस्लिम भी थे और सभी भाईचारे से रह रहे थे जिन बच्चों को नफरत का पता भी नहीं था उन बच्चों को धर्म के नाम पर अलग अलग कर दिया गया इस बारे में प्रिंसिपल का कहना है कि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी कुछ सेक्शन मिक्स भी है , केवल बच्चों का आपसी झगड़ा ना हो इसलिए अलग अलग किया गया था।
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया और कांग्रेस का कहना है कि प्रशासनिक कार्रवाई से वो संतुष्ट नहीं है प्रिंसिपल पर देशद्रोह का मुकदमा भी दर्ज हो इस बाबत स्थानीय कांग्रेस के नेता थाने में भी शिकायत कर रहे हैं अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासनिक कार्रवाई के अलावा प्रिंसिपल पर कोई आपराधिक मुकदमा भी दर्ज होता है या नहीं।
कांग्रेस ने आज यहां प्रोटेस्ट किया तो कुछ लोगों का कहना था कि कांग्रेस यहां अपना राजनीतिक मकसद से लोगों का भाई चारे में दरार पैदा कर रही है। यहां के कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां वह हिंदू मुस्लिम सब इकट्ठे रहते हैं और एक साथ ही खाना खाते हैं किसी से किसी तरह का कोई वाद-विवाद नहीं है साथ ही प्रिंसिपल के मुद्दे पर उनका कहना था कि स्कूल में कुछ बच्चे शाकाहारी तो कुछ बच्चे मांसाहारी भोजन करने वाले थे जब मांसाहारी बच्चे शाकाहारी बच्चे के साथ बेंच पर भोजन करते तो इस बात को लेकर जो में झगड़ा होता था कई बार कुछ बच्चों की जिन्हें मांसाहार से नफरत थी उनको उल्टी भी होती थी और तबीयत भी खराब हो जाती थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब बड़ा जो स्कूल में होता उसकी जिम्मेदारी होती है कि वह इस तरह के झगड़े में बच्चों को अलग अलग करें ताकि कुछ समय वह लग रहे और झगड़े को भूल जाए उसके बाद फिर से अपने आप दोबारा इकट्ठे हो जाएंगे । इसी तरह के झगड़े को निपटाने के लिए प्रिंसिपल ने मांसाहारी और शाकाहारी बच्चों को अलग अलग किया था जो स्कूल में मांसाहार लेकर आते थे इसी विवाद को कुछ लोगों ने सेक्शन का मुद्दा बता कर विवाद दिया वह एक पॉलिटिकल स्टंट है
फिलहाल इस मुद्दे पर दो पक्ष बने हुए हैं कुछ लोग प्रिंसिपल के समर्थन में आ गए हैं तो कुछ लोग प्रिंसिपल के इस कार्य का विरोध कर रहे हैं। फिलहाल जरूरत है कि धर्म के आधार पर इस तरह से बच्चों को अलग ने किया जाए और साथ ही इस मामले को भी इतना तूल नहीं दिया जाना चाहिए कि जिन बच्चों को इस चीज की जानकारी नहीं हो उन्हें भी चीज की जानकारी हो जाए।
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तीसरा वीडियो प्रिंसिपल का जवाब आदि
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