सावधान दिल्ली आगे कुत्ते हैं
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शालीमार बाग़ ( नई दिल्ली )
(अत्तरी न्यूज़ नेटवर्क)
दिल्ली में आजकल आवारा कुत्तों का काफी बड़ा आतंक है आवारा कुत्ते और आवारा पशुओं से सड़कों पर काफी संख्या में एक्सीडेंट भी हो रही हैं। लोगों की जानें भी जा रही है लेकिन नगर निगम इस मामले में कुछ नहीं कर पा रहा है। दिल्ली की सड़कों पर आप सांडों की लड़ाई तक देख सकते हैं। लेकिन नगर निगम वही रोना रोता है कि उसके पास इन आवारा पशुओं को उठाने का बजट नहीं है दिल्ली सरकार उसे पूरा बजट नहीं दे रही है यही आरोप बार-बार लगते हैं। इस तरह के आरोपों में परेशान है तो दिल्ली की आम जनता परेशान है पहले से बने फुटपाथों को दोबारा तोड़ कर बनाने के पैसे निगम के पास होते हैं कई पुराने कामों पर भी दोबारा काम चलते रहते हैं लेकिन निगम के पास उस मामले में पैसे की कोई कमी नहीं होती क्योंकि उन निर्माण कार्यों में कहीं ना कहीं बीच में कुछ लोगों को फायदा भी होता होगा लेकिन इन आवारा पशुओं को उठाने में शायद इतनी बचत नहीं है जितना कि उस निर्माण कार्य में।
इसी तरह जगह जगह पर आवारा कुत्तों को लेकर के लोग परेशान है लोगों को कुत्ते काट रहे हैं लोग रेबीज की बीमारी के शिकार हो रहे हैं लेकिन नगर निगम का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है कुछ जगहों से कुत्तों को उठा कर उनका बंधीकरण करके दोबारा उसी जगह पर छोड़ा जाता है लेकिन उसके बावजूद भी स्थिति कंट्रोल में नहीं हो रही है। जरूरत है ज्यादा से ज्यादा इन कुत्तों के बंधीकरण के सेंटर बनाये जाए। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में दो और इस तरह के सेंटर बनाने का जिक्र जरूर चला है लेकिन ये कब तक बनेंगे यह अभी तक कहा नहीं जा सकता।
फिलहाल नया मामला शालीमार बाग का है यहां एक ब्लॉक पूरी तरह से आवारा कुत्तों से परेशान है यहां एक पार्क में कुत्ते पाले जाने का आरोप कुछ स्थानीय लोगो पर है कि कुछ लोग इन आवारा कुत्तों की परवरिश में मदद करते हैं और इन्हें खाना और जगह सभी उपलब्ध करा देते हैं वह भी सार्वजनिक पार्कों में। जिसके बाद जब कोई स्थानीय निवासी गुजरता है तो उसे भी ये कुत्ते काट लेते हैं और कई बार ऐसे काटे जाने की घटनाएं आ चुकी है। इसकी शिकायत शालीमार बाग़ थाना पुलिस को भी दी गई पर कुत्तों का मामला निगम का होने के कारण पुलिस भी इसमें ज्यादा कुछ नहीं कर पा रही है। लेकिन इतना जरूर है पुलिस चाहे तो वह निगम को लिखकर इसका समाधान करवा सकती है। साथ ही यदि कोई आवारा कुत्ता इस तरह से काटता हैं तो पुलिस संबंधित विभाग जिसके अधीन ये आवारा कुत्ते आते हैं उस पर भी FIR कर सकती है। साथ ही यदि कोई इन आवारा कुत्तों पालक बनकर पक्ष में खड़ा होता है तो क्या पुलिस उसे भी पार्टी बना सकती है यह भी एक कानूनी मसला है।
वीडियो में शालीमार बाग़ के आवारा कुत्तों का आतंक से जुड़ा वीडियो देखिये
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फिलहाल शालीमार बाग में कल भी एक महिला को आवारा कुत्तों ने काट लिया फिलहाल शालीमार बाग के लोग आवारा कुत्तों की दहशत में जी रहे हैं बच्चे और बुजुर्ग उस पार्क में खेलने और टहलना तो दूर पार्क के पास गुजरने से भी डरते हैं कहीं कुत्ते न काट ले।
अक्सर बच्चों को कहा जाता है कि आप गली सड़क को छोड़कर के पार्क में खेले है सड़क पर खेलने से कहीं कोई हादसा ना हो लेकिन यहां उल्टा है बच्चों को यही कहा जाता है कि आप सड़क पर खेले और पार्क की तरफ मत जाना । पार्क के पास गए तो पार्क में मौजूद कुत्ते आप को काट लेंगे।
दिल्ली पुलिस की तरफ से इसका समाधान संभव नजर नहीं आ रहा है जरूरत है इस ब्लॉक के लोग मिलकर न्यायालय का सहारा ले न्यायालय ही इनको इस चीज से राहत दिला सकता है क्योंकि न्यायपालिका सबसे ऊपर है और न्यायपालिका का आदेश पुलिस को भी मानना पड़ेगा और नगर निगम को भी मानना पड़ेगा। फिलहाल अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है और लोग दहशत के साए में जी रहे हैं