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नरेला विधानसभा
नई दिल्ली
अनिल अत्तरी न्यूज़ नेटवर्क
रिपोर्ट : नसीम अहमद व विकास खान
दिल्ली के नरेला विधानसभा के मेट्रो विहार एरिया में नगर निगम के दो स्कूलों का हुआ शिलान्यास। स्थानीय निगम पार्षद अर्चना और नरेला विधायक शरद चौहान के साथ संबंधित अधिकारियों ने किया शिलान्यास। जल्दी ही बनकर तैयार होंगे दोनों स्कूल। फिलहाल इस एरिया में संख्या के लिहाज से स्कूलों की काफी बड़ी कमी है और बच्चों को होती है काफी दिक्कते।
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दिल्ली का मेट्रो विहार काफी बड़ा क्लस्टर एरिया है और कई फेज में यह बसा हुआ है। यहां कम पढ़े लिखे लोगों की तादाद काफी ज्यादा है और इसलिए यहां शिक्षा की जरूरत भी सबसे ज्यादा है ताकि इस क्लस्टर एरिया में जागरुकता आए। यहां के बच्चे आगे बढ़े लेकिन यहां ज्यादा जरूरत के बावजूद भी स्कूलों की तरफ पहले ध्यान नहीं दिया गया खासकर प्राइमरी स्कूलों की ज्यादा जरूरत है, जिससे बच्चे प्राइमरी एजुकेशन लेकर आगे दूसरे स्कूलों में आसपास के एरिया में भी जा सकते हैं।
इसी के मद्देनजर दिल्ली नगर निगम की तरफ से मेट्रो विहार फेज-2 के सी ब्लॉक में नगर निगम के स्कूलों का शिलान्यास किया गया यहां स्कूल में एक फ्लोर पर 16 कलासे लगेगी और डबल फ्लोर के ये स्कूल होंगे। स्कूल में टॉयलेट और पीने के पानी की आदि की दूसरी सब व्यवस्थाएं आधुनिक ढंग से तैयार की जाएगी।
नगर निगम के इन स्कूलों का शिलान्यास करने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम की महापौर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बीजेपी सांसद उदित राज सभी को आमंत्रित किया गया था यहां पर पार्षद निर्दलीय और विधायक आम आदमी पार्टी के थे, महापौर बीजेपी पार्टी से जुड़ी है सांसद भी बीजेपी पार्टी से जुड़े हैं फिर भी यहां पर प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी को आमंत्रित किया गया लेकिन वह बात अलग है कि इस उद्घाटन के दौरान यहां न तो दिल्ली के मुख्यमंत्री पहुंचे , न सांसद पहुंचे और न ही महापौर पहुंची।
निगम पार्षद अर्चना और आम आदमी पार्टी के विधायक शरद चौहान को ही शिलान्यास करना पड़ा।
इस मौके पर एरिया के गणमान्य व्यक्ति और शिक्षा से जुड़े काफी लोग मौजूद थे।
सभी को इन स्कूलों के शिलान्यास से काफी खुशी है कि जल्दी ही मेट्रो विहार को ये दो स्कूल मिल जाएंगे निगम पार्षद अर्चना ने बताया कि एक से सवा साल में यह स्कूल बनकर तैयार हो जाएंगे और इन्हें जनता को सौंप दिया जाएगा और उनकी कोशिश रहेगी कि किसी भी काम में कहीं भी कोई अड़चन न आये और यह काम निर्धारित समय में हो हो देरी न हो।
अब जरूरत है देश में शिक्षा सुधार के लिए प्राथमिक स्कूलों पर भी ज्यादा जोर दिया जाए ताकि इस युग में भी कोई बच्चा बिना शिक्षा के ना रह जाए फिलहाल इन स्कूलों के निर्माण की अंतिम निर्माण की अवधि का दावा एक से सवा साल किया गया है जिससे यहां के लोगों में एक आस जगी है।