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Mukharji Nagar
दिल्ली के मुखर्जी नगर एरिया में सेवा कुटीर अंध महाविद्यालय की छत का प्लास्टर गिरा। आंखों से दिव्यांग एक छात्र के हाथ और कमर में आई चोट। एक दशक पहले यह पूरी बिल्डिंग हो चुकी है डेंजरस घोषित इसके बावजूद भी बिल्डिंग की अभी तक नहीं ली गई कोई संभाल। पूरी बिल्डिंग जर्जर। दिल्ली सरकार का समाज कल्याण मंत्रालय चलाता है इस सेवा कुटीर को। छात्रों का आरोप की हर साल 50 लाख से एक करोड़ रूपये के बीच मिलते हैं इसको ग्रांट में बावजूद उसके सेवा कुटीर पूरी तरह खस्ताहाल
दिल्ली के मुखर्जी नगर में बना ये है दिल्ली सरकार का सेवा कुटीर में अंध महाविद्यालय। यहां इस महाविद्यालय की बिल्डिंग देखिए पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। किसी भी वक्त पूरी बिल्डिंग धराशाई हो सकती है।
वीडियो सेवा कुटीर
वीडियो मौके का
इस बिल्डिंग को सरकारी अधिकारियों द्वारा विजिट के बाद 10 साल से ज्यादा का वक्त हो गया जब इसे डेंजरस घोषित किया था। डेंजरस घोषित किए जाने के बाद भी इस बिल्डिंग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। एक दशक से ज्यादा का वक्त बीत गया और इस बिल्डिंग में इसी तरह कार्य चल रहा है।
बड़ी संख्या में आंखों से दिव्यांग लोग और दूसरे इसके कर्मचारी इसमें मौजूद होते हैं तो किसी भी वक्त बड़ा हादसा भी हो सकता है। आज बुधवार सुबह करीब 6:00 बजे एक कमरे का ऊपर छत का प्लास्टर का काफी हिस्सा एक आंखों से दिव्यांग छात्र रुस्तम के ऊपर जा गिरा जिससे उनके हाथ और कमर में चोट आई है। प्राथमिक उपचार के बाद वह इस वक्त यहां ये मौजूद है। यदि छत का बाकी हिस्सा और गिर जाता तो उसकी मौत तक हो सकती थी।
यहां दिव्यांग छात्रों का आरोप है कि यह बिल्डिंग वर्षों पहले खतरनाक घोषित हो चुकी है बावजूद इसके इसका कोई पुनर्निर्माण या दूसरा उपाय नहीं किया गया ।
जगह-जगह से प्लास्टर झड़ रहा है और बिल्डिंग किसी भी वक्त गिर सकती है। इस शिकायत को लेकर आंखों से दिव्यांग ये लोग दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी जाकर मिल चुके हैं लेकिन समाधान नहीं निकला।
इनका आरोप है कि एक करोड़ के आसपास का बजट अकेले इस महाविद्यालय का हर साल दिल्ली सरकार देती है लेकिन यहां उन्हें कुछ भी उस एक करोड़ से होता हुआ नजर नहीं आता।
इस महाविद्यालय को दिल्ली सरकार का लोक कल्याण विभाग चलाता है।
फिलहाल यहां पर आज दिल्ली सरकार के अधिकारी आए और विजिट करके चले गए। इस तरह का विजिट पहले भी कई बार हो चुका है लगता है यहां प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है। अब देखने वाली बात होगी कि कब इस बिल्डिंग की सुध दिल्ली सरकार कब लेती है।
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