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नई दिल्ली
अनिल कुमार अत्तरी
आज दिल्ली पुलिस ने मैक्स शालीमार बाग अस्पताल मामले में स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की । इस स्टेटस रिपोर्ट में अस्पताल की तरफ से गंभीर और चौकाने वाली खामियां सामने आयी है। पीड़ित के वकील ने इन खामियों और जांच की स्पीड पर तो सवाल उठाये ही साथ ही दिल्ली मेडिकल कौंसिल पर भी अस्पताल को फायदा पहुचाने का आरोप लगाया।
इस वीडियो में पीड़ित पक्ष के वकील से सुनिए क्या क्या है स्टेटस रिपोर्ट में
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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कोर्ट में शालीमार बाग़ मेक्स अस्पताल द्वारा की गयी लापरवाही भी सामने आयी है। अस्पताल के रजिस्टर में बच्चों के जन्म का टाइम तो है पर मौत का समय नही है। इसी तरह जब दोनों नवजात बच्चों को पॉलीथिन में पैक दिया गया तो यह साफ़ नही था की बच्चे ज़िंदा थे या नही। पीड़ित के वकील ऋषिपाल ने इस मामले में अभी तक किसी भी गिरफ्तारी नही होने पर हैरत व्यक्त किया । पीड़ित के वकील इसे महज मेडिकल नेगलिजेंस का मामला नही मानते। जिन्दा बच्चे की पॉलीथिन में पैक किया गया। फिर भी वह एक सप्ताह तक ज़िंदा रहा । यानी उसे बचाया जा सकता था।
इस मामले की जांच कर रही एजेंसियों को मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट और दिल्ली मेडिकल कौंसिल की रिपोर्ट का इन्तजार है। लेकिन अभी तक मेडिकल काउंसिल ने भी रिपोर्ट नही दी है।इस देरी पर पीड़ित के वकील दिल्ली मेडिकल काउन्सिल की भूमिका पर भी सवाल उठा रहे है। दिल्ली मेडिकल काउन्सिल अस्पताल के प्रति नरम रुख अखियार कर रहा है।
पीड़ित परिवार अभी भी अस्पताल के बहार न्याय की मांग के साथ धरने पर बैठा है। इस स्टेटस रिपोर्ट से यह तो संकेत मिलता ही है की मेक्स अस्पताल की लापरवाही पर सरकार और सरकारी एजेंसियों की करनी और कथनी में कितना फर्क है।
मेडिकल काउंसिल का कहना है कि रिपोर्ट में दो सप्ताह का वक्त लगेगा ।