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DELHI
दिल्ली में ज्यादातर दुकानें या कहे तो बाजार खुल चुके हैं लेकिन जहांगीरपुरी इलाके की मार्केट अभी तक नहीं खुली है क्योंकि जहांगीरपुर इलाका अभी भी कंटेनमेंट जोन में शामिल है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि दिल्ली की जब सभी दुकानें और बाजार खुले हुए हैं तो जहांगीरपुरी के लोगों के साथ इस तरह का भेदभाव दिल्ली सरकार क्यों कर रही है ।
अब दुकानदारों के पास ना तो अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए पैसे हैं और ना ही दुकान मालिकों को देने के लिए किराया । कंटेनमेंट जोन खत्म करने के लिए सरकार से स्थानीय दुकानदार गुहार लगा रहे हैं ।
जहँगीरपुरी इलाका कंटेनमेंट जोन में शामिल है, लेकिन सरकार के अनुसार कंटेनमेंट जोन को डीकंटेनमेंट करने के लिए 28 दिन का समय बताया गया है । जहांगीर पुरी को कंटेनमेंट जोन घोषित किए हुए 2 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है ।
जहँगीरपुरी की दुकाने जनता कर्फ्यू के दिन से ही बंद हैं ओर अभी भी दुकानों पर ताला लटका हुआ है । जिसकी वजह से लोगों के सामने आर्थिक संकट आ गया है । दूसरे इलाकों में दुकानें खुली हुई है और पूरी तरह से बाजारों में भीड़ दिख रही है ।
जहांगीरपुरी के लोगों का कहना है कि सरकार हमारे साथ भेदभाव कर रही है । यदि कंटेनमेंट जोन के नाम पर लोगों की दुकान बंद है तो अब उनके खाने का इंतजाम भी किया जाए, ना तो दुकानदारों के पास खाने के लिए पैसे हैं और ना ही दुकान मालिकों को देने के लिए किराया ।
अब तो अपनी दुकान पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी सैलरी देने के पैसे नहीं है । एक स्थानीय दुकानदार ने बताया कि उनके एक कर्मचारी ने जरूरत के लिए पैसे मांगे तो आर्थिक संकट के चलते पैसे ना होने की स्थिति में अपनी सोने की चेन भी गिरवी रखनी पड़ी, तब जाकर उसको पैसे दिए क्योंकि उसकी पत्नी गर्भवती थी ।
वही दूसरे दुकानदार सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि कंटेनमेंट जोन के नाम पर लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है । कंटेनमेंट जोन के नाम पर जिन दुकानों को बंद किया गया है, उन दुकानों से करीब पांच से छः हजार परिवार जुड़े हुए हैं । जिनका गुजारा अब बड़ी मुश्किल से हो रहा है ।
जहँगीरपुरी इलाके में भुखमरी के हालात हो गए हैं, सरकार लोगों की जरूरत को समझते हुए दुकान खोलने का आदेश दें । ताकि जहांगीरपुरी की लाइफ लाइन दोबारा से पटरी पर आ सके ।