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देश मे डॉक्टर्स मरीजो की जान बचा रहे है तो कई जगह डॉक्टर्स की लापरवाही से जाने भी जा रही हैं । इस बार अस्पताल की लसपरवाही से जान जाने का बड़ा आरोप लगा है दिल्ली में रोहिणी के ESI अस्पताल पर
पोस्टमार्टम तीन डॉक्टर्स के पैनल ने किया है और रिपोर्ट का इंतजार है । लेकिन एक शख्स के पांव का ऑपरेशन हो और इंसान ऑपरेशन थियेटर में ठीक बोलते हुए खुद चलकर जाए और फिर पाँव का ऑपरेशन होते वक्त जान ही चली जाए कही न कही बड़ी लापरवाही की और संकेत कर रहा है । दरअसल रोहिणी में बने ईएसआई अस्पताल को लेकर चौंकान्ने वाला मामला सामने आया है। पिछले कई दिनों से पैर में चोट लेकर अस्पताल में भर्ती मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि मरीज की मौत डॉक्टरों की लापरवाही से हुई है। साथ ही मौत को छिपाने के लिए डॉक्टरों ने तीन घंटे तक परिजनों से झूठ बोला। यह पूरा मामला गुरुवार देर शाम का है। हंगामे के दौरान पहुंची पुलिस को परिजनों ने शिकायत सौंप दी है। वहीं, शुक्रवार को बाबा भीमराव आंबेडकर अस्पताल में मृतक के पोस्टमार्टम के लिए जिला प्रशासन ने एक मेडिकल बोर्ड भी गठित करवा दिया इसके बाद मौलाना आजाद मेडिकल कोलिज में पोस्टमार्टम के बाद शनिवार को शव परिजनों को मिला जिसके बाद मरीज का नरेला में अंतिम संस्कार किया गया ।
23 नवंबर को अलीपुर स्थित शनि मंदिर के पास 32 साल के मणि भूषण को अज्ञात कार चालक ने टक्कर मार दी थी, जिसके बाद मणि भूषण को नरेला के राजा हरिशचंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके दो दिन बाद उसे रोहिणी के ईएसआई अस्पताल में भर्ती कराया गया। बिहार का मूल निवासी मणिभूषण नरायणा में नौकरी करता था। नरेला में वे अपने परिजनों के साथ एक किराए के मकान में रहते थे।
इनके पैतृक गांव के साथी विनीत कुमार ने बताया कि दुर्घटना में मणि भूषण का बायां पैर जख्मी हो गया था। इसके अलावा शरीर में अन्य कहीं भी चोट नहीं थी। ईएसआई अस्पताल ले जाने के बाद डॉक्टरों ने परिजनों से कहा था कि जख्म भरने के बाद एक छोटा सा ऑपरेशन करना पड़ेगा।
14 दिसंबर को शाम 3 बजे जब मरीज को ओटी ले जाया जा रहा था। उस वक्त मणि भूषण खुद ही चलकर वहां तक पहुंचे थे। करीब आधा घंटा बाद डॉक्टर बाहर आए तो परिजन से कहा कि मरीज ठीक है उसे आईसीयू में भर्ती कर दिया है। कुछ देर बाद जब परिजनों ने फिर पूछताछ की तो डॉक्टरों ने कहा कि मरीज कोमा में है। करीब सवा पांच बजे जब डॉक्टर अस्पताल से जाने लगे तो परिजनों ने हंगामा किया, जिसके बाद मौत की जानकारी परिजनों को दी गई। मणि के परिवार में पत्नी, तीन वर्षीय बेटी व डेढ वर्षीय बेटा है। परिजन लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार है लेकिन घटना के बाद कैसे लोग डॉक्टर्स पर भरोसा करें ।