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NEW DELHI
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व शिरोमणी अकाली दल की दिल्ली ईकाई द्वारा आज बहु चर्चित ट्रांजिस्टर बम धमाका केस में बरी हुए सिंहों को सम्मानित किया गया।
इस मौके पर गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब कांप्लैक्स में हुए समागम को संबोधित करते हुए दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली कमेटी व शिरोमणी अकाली दल इन परिवारों के आभारी हैं व इन पर फख्र महसूस करते हैं जिन्होंने 35 वर्ष तक लंबी लड़ाई लड़ी और अब इन्हें इन्साफ मिला है।
उन्होंने कहा कि 1980 से 1997 तक सिख कौम ने काले दौर का सामना किया है जिस दौरान कभी निरंकारी साके, कभी 1984 के सिख कत्लेआम, कभी साका ब्लू स्टार व कभी श्री अकाल तख्त साहिब पर हमले के नाम पर सिखांे का कत्लेआम किया गया और खत्म करने की साजिश रची गई। उन्होंने कहा कि उस वक्त की कांग्रेस सरकारों व ऐजंसियों ने सिखों को आतंकवादी करार देने का पुरज़ोर प्रयास किया जो कि सिख कौम के लिए बहुत ही मुश्किल भरा दौर रहा।
श्री सिरसा ने कहा कि सिख कौम ने इस सकंट भरे दौर में कभी हिम्मत नहीं हारी व गुरु साहिबान के दर्शाये हुए मार्ग पर चलते हुए चढ़दीकला में रहते हुए आवाज़ बुलंद रखी। आज दिल्ली सहित सारे देश ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सिखों का नाम चमक रहा है जो गुरु साहिब की बख्शिश है। उन्होंने कहा कि सिखों के खिलाफ जो साजिशें रची गई उनका अंदरूनी सच हम बेनकाब जरूर करेंगे। ट्रांजिस्टर बम धमाका केस लड़ने वाले इन परिवारों की सिख कौम हमेशा कर्जदार रहेगी जिन्होंने जुल्म झेला पर सिखी का नाम बुलंद रखा।
इस मौके पर दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के महासचिव व शिरोमणी अकाली दल दिल्ली ईकाई के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने सिखा कौम को बधाई देते हुए कहा कि इन परिवारों को 35 वर्षों लंबी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार इन्साफ मिला। उन्होंने कहा कि यह इन्साफ इस बात का प्रतीक है कि सिखों को इस देश की न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है। इस लंबी लड़ाई के दौरान 15 सिंह दुनिया को अलविदा भी कह गये जो बहुत दुखदायी है।
इस प्रैस कान्फ्रेंस के दौरान दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के सदस्य व लीगल सैल के चेयरमैन स. जगदीप सिंह काहलों, दिल्ली कमेटी सदस्य हरजीत सिंह पप्पा, गुरमीत सिंह भाटिया, मनमोहन सिंह सहित अन्य दिल्ली कमेटी सदस्य व अकाली दल के नेता मौजूद रहे।