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DELHI
REPORT – NASEEM AHMED
मान्यता है यमुना कितने भी उफान पर आए लेकिन यह मंदिर कभी नहीं डूबता।
राजधानी दिल्ली के यमुना बाजार के पास यमुना के बीच में बना बाबा बालक नाथ जी का मंदिर । यह एक प्राचीन मंदिर है। यहां पर जो पूजा करने पुजारी आते है इनका नाम राजेन्द्र शर्मा है। इस पुजारी का मन्दिर तक आने का बड़ा अद्भुत तरीका है। पुजारी उल्टा यमुना में तैर कर आते है। ऐसा ये पिछले 20 साल से कर रहे है। यहां किदवंती है कि यमुना कितने भी उफान पर हो लेकिन इस इस श्री बाबा बालक नाथ जी के मंदिर को डूबा नही पाती ।
साथ ही बताया कि सन् 1978 में जब दिल्ली में बाढ़ आई थी । तो बाढ़ ने पूरी दिल्ली को तहस-नहस कर दिया था। लेकिन इस मंदिर की चोटी तक पानी नहीं पहुंचा था। और ना ही इस मंदिर को हिला पाया था । यह मन्दिर यमुना में एक कुएं के ऊपर स्थापित है ।
मन्दिर के चारो तरफ पानी ही पानी है। किदवंती है कि यहां पर प्राचीन काल में बाबा बालक नाथ जी के कुछ पिंड मिले थे जिनको मध्य नजर रखते हुए यहां एक पुजारी थे छोटू गिरी महाराज जी ने पूजा पाठ शुरू की और कुछ समय के बाद जल समाधि ले ली। जिनकी प्रतिमा भी यहां पर लगी हुई है।
साथ ही लोगों का कहना है। हमने इस मन्दिर के चारो तरफ नाव में बैठ कर घूम कर देखा तो इस मंदिर के नीचे से पत्थर भी खिसक चुके है लेकिन मन्दिर अपनी जगह पर ही स्थापित है।
कहीं ना कहीं यहां पर आज भी भगवान बालकनाथ का असीम कृपया है।
बरहाल तलाश एक हकीकत की सीरीज में हमने आज आपको बाबा बालक नाथ जी का मंदिर दिखाया । जल्दी ही आपको फिर ऐसी जगह से परिचित करवाएंगे ।