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Mukhraji Nagar Burari , Kings way camp Delhi
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नॉर्थ-वेस्ट जिला पुलिस का ढीला रवैया आया सामने। अंग्रेजी शासक जॉर्ज पंचम की मूर्ति के सामने कोरोनेशन पार्क में होता रहा प्रदर्शन काफी लेट पहुंची । मीडिया तक को इस प्रदर्शन की भनक थी लेकिन जिला पुलिस को नहीं थी इसकी कोई जानकारी । पहले भी जॉर्ज पंचम की प्रतिमाओं पर यहां हो चुका है अटैक जिसमें मूर्ति के साथ तोड़फोड़ भी की गई थी। उसी संगठन ने फिर आज जॉर्ज पंचम की मूर्तियों को यहां से हटाने के लिए विरोध जताया। मौके पर SHO से ऊपर के कोई भी पुलिस का जिला अधिकारी नहीं पहुंचे । मामला अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा था लेकिन नॉर्थ-वेस्ट जिला पुलिस ने लिया बिल्कुल हल्के में।
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आज दिल्ली के किंग्सवे कैंप पर बने कोरोनेशन पार्क में अचानक 20 से 25 लोग पहुंचे उनके हाथों में पोस्टर और बैनर थे जिन पर लिखा था कि जॉर्ज पंचम और जिन्ना की प्रतिमाएं देश में नहीं चाहिए। कोरोनेशन पार्क जिसे राज्याभिषेक पार्क भी कहते हैं। यह दिल्ली की धरोहर है 1911 में देश की राजधानी दिल्ली को घोषित किया गया था और उस वक्त अंग्रेजी शासक जॉर्ज पंचम की यहां ताजपोशी की गई थी । यहां पर बड़ी बड़ी ऊंची मूर्तियां और स्तंभ जॉर्ज पंचम के बनाए गए हैं साथ में पार्क को विकसित किया गया है। यह पार्क बुराड़ी ग्राउंड के पास स्थित है आज अचानक इस जगह पर ये लोग पहुंचे तो इनका कहना था कि देश में जब जिन्हा की तस्वीर नहीं लग सकती उसका भी विरोध है जिन्हा तो फिर भी हिंदुस्तानी था जिसे अंग्रेजों ने हिंदू मुस्लिम का झगड़ा करवा कर अलग अलग देश बनवा दिया। असली झगड़े की जड़ तो अंग्रेजी शासक थे। जॉर्ज पंचम को क्रूर शासक और भारतीयों पर अत्याचार करने वाला शासक बताते हुए उसकी तस्वीर इस पार्क से हटाने की मांग की साथ ही ये लोग इस पार्क का नाम बदलने की मांग भी कर रहे थे । उनका कहना था कि इसका नाम राज्याभिषेक पार्क नहीं बल्कि शहीदी स्मारक होना चाहिए । साथ ही गुलामी के प्रतीक अंग्रेजों की मूर्ति को हटाकर शहीदों की मूर्ति स्थापित होनी चाहिए । उनका कहना था कि इस तरह से अंग्रेजी शासकों की मूर्तियां लगाना हमारी गुलामी की मानसिकता को प्रदर्शित करता है । इसलिए इसका विरोध कर रहे हैं ।
ये सभी लोग दिल्ली के इस कोरोनेशन पार्क में फरीदाबाद से आए थे और सभी ने बताया कि वह महानायक स्मृति मंच से जुड़े हुए हैं इनकी मांग है कि हम गांधी जी की 150वीं जयंती मनाने जा रहे हैं हमारी आज़ादी को 70 साल हो गए और गांधी जी ने कहा था कि कोई भी देश गुलामी की निशानियों को सहेज कर नहीं रखता । कोरोनेशन पार्क और राजघाट दोनों स्थान देश की राजधानी दिल्ली में स्थित है ये हमारे देश समाज और सरकार के दोहरे चरित्र को दर्शाता है। आजाद देश के आदर्श अंग्रेज है या गांधी यह समझ पाना मुश्किल हो गया है ? आने वाली पीढ़ी में हम किसे अपना आदर्श बताएं उनका कहना था कि वह जॉर्ज पंचम को अपना आदर्श नहीं बता सकते। इसलिए उस की प्रतिमा को यहां से हटाने की मांग करते हैं जब यह लोग हाथों में पोस्टर लेकर यहां नारेबाजी करने लगे तो बाद में ये जानकारी मुखर्जी नगर थाने से पुलिस तक पहुंची और इन लोगों को यहां से हटा दिया। इन लोगों को कहा गया कि इस तरह प्रतिमा के नीचे खड़े होकर वह किसी तरह का प्रदर्शन नहीं कर सकते। साथ ही उनके पास पार्क में प्रदर्शन की भी कोई अनुमति नहीं है यदि उनको कुछ भी अपना विरोध जताना है तो पहले परमिशन लेकर कानूनी तरीके से अपना विरोध जता सकते हैं । ये लोग उसी संगठन से जुड़े हैं जिस संगठन ने कुछ महीने पहले या अचानक ऊंची लकड़ी की सीढ़ियां लाकर जॉर्ज पंचम की मूर्ति पर हथोड़ा से वार कर दिया था और जॉर्ज पंचम की मूर्ति की नाक भी तोड़ दी थी । फिलहाल मुखर्जी नगर थाना पुलिस उस घटना को देखते हुए किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती थी और इन लोगों को पार्क से बाहर खदेड़ दिया। फिलहाल पार्क के अंदर पुलिस को मुस्तैद कर दिया गया है ताकि कोई असमाजिक हरकत इन मूर्तियों के साथ ना हो जाए अब देखने वाली बात होगी कि इस तरह की धरोहर पर सरकार क्या निर्णय लेती है। लेकिन यह भी बात खास है कि भारतीय विचारकों की प्रतिमाएं विदेशों में भी स्थापित है और विदेशी विचारको कि भारत में भी प्रतिमाएं स्थापित है इस तरह से अपने देश में किसी प्रतिमा को तोड़ा जाना दूसरे देश के संबंधों को जरूर नुकसान पहुंचा सकता है। फिलहाल इन लोगों को यहां से खदेड़ दिया है ।