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बवाना नई दिल्ली
शनिवार दोपहर दिल्ली के बवाना की नहर में एक लड़की गिरी, लड़की डूब रही थी सिर्फ हाथ दिखाई दे रहा था पास में सीआरपीएफ के कैंप के मचान पर सिक्योरिटी में तैनात जवानों ने मचान से छलांग लगाकर रस्सों की सहायता से कुछ ही सेकेंडों में लड़की को जिंदा बचाया। लड़की फिलहाल अस्पताल में भर्ती है और लड़की के परिजन CRPF कैंप के जवानों का शुक्रिया कर रहे हैं जिनकी बदौलत लड़की आज अभी तक जिंदा है।फिलहाल लड़की की हालत खतरे से बाहर है। सीआरपीएफ के जवानों ने कैंप की सुरक्षा के साथ साथ पास से गुजरने वाली नहर में डूबी लड़की को बचा कर क्या मानवता का बड़ा कार्य। फिलहाल लड़की महर्षि बाल्मीकि अस्पताल में भर्ती है और इलाज जारी है ।
दरअसल करीब 18 साल की लक्ष्मी दिल्ली से सटे हरियाणा की प्याऊ मनियारी गांव से बवाना में नहर किनारे मंदिर में पूजा के लिए आई थी। इस मंदिर में शनिवार के दिन श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं। लक्ष्मी हर शनिवार को इस मंदिर में पूजा के लिए आती थी पास में ही दो नहरें हैं दोनों नहर के बीच से यह रास्ता है। लक्ष्मी के परिवार की मानें तो लक्ष्मी का पांव फिसल गया था और वह गहरी नहर में जा गिरी बगल में ही CRPF का कैंप है। CRPF कैंप के चारों तरफ सिक्योरिटी के लिए ऊंचे ऊंचे मचान भी बनाए गए हैं। एक ऊंचे मचान से जवान ने नहर में डूबती हुई लड़की को देखा और तुरंत मचान से छलांग लगाकर जवान नीचे आया दूसरे जवानों को बताया सीआरपीएफ के जवान मचानों से नीचे कूदे और रस्सों की सहायता से लड़की को जिंदा बचा लिया गया। बाहर निकालकर लड़की को सीआरपीएफ कैंप में बने अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया जिसके बाद उसे महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में रेफर कर दिया गया। इन जवानों की मुस्तैदी ने ही इस लड़की को जिंदा बचा लिया यदि कुछ मिनट और गुजर जाते तो लक्ष्मी दम तोड़ चुकी होती क्योंकि लड़की को तैरना नहीं आता था। सिर्फ हाथ ही बाहर दिखाई दे रहा था।
लड़की के परिजन बार-बार CRPF के जवानों का शुक्रिया कर रहे हैं और उनका कहना है कि यह CRPF के जवानों की बदौलत है कि आज उनकी बेटी जिंदा है वरना लड़की लक्ष्मी की मौत हो जाती। फिलहाल लड़की अभी तक पूरी तरह होश में नहीं है और महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में इलाज जा रही है।
परिवार ने साथ ही यह भी बताया कि वहां आसपास में काफी लोगों की भीड़ थी लेकिन तुरंत बचाने के लिए किसी ने हिम्मत नहीं कि नहीं की सिर्फ सीआरपीएफ के जवान तुरंत दौड़े और उन्होंने ही लड़की को बचाया। सीआरपीएफ के जवान टेंगले दत्ता ने सबसे पहले देखा और छलांग लगाई थी साथ में जवान केशव और जवान प्रमोद और दूसरे जवान रस्से लेकर दौड़े और कुछ ही सेकंड में नहर में रस्से फेंककर लड़की को जिंदा बचा लिया। यह सीआरपीएफ के जवानों का एक बहुत ही सराहनीय कदम था जिसमें आज एक जिंदगी को बचा लिया। भले ही जवानों की ड्यूटी सीआरपीएफ कैंप की सुरक्षा की थी लेकिन सुरक्षा के साथ-साथ पास से गुजरने वाली नहर में डूब रही लड़की को भी बचा लिया जो कि एक बहुत बड़ा सराहनीय कदम है जरूरत है समाज में ऐसे लोगों को सम्मानित किया जाना चाहिए ताकि दूसरे लोग भी इन्हें की प्रेरणा लेकर इसी तरह के कार्य कर पाए।